अगर ज़ायोनिस्ट रेजीम ने कार्यवाही का सोचा भी तो हमारा जवाब इससे ताक़तवर होगाा, विदेशमंत्री
ईरान के विदेशमंत्री अब्बास इराक़ची ने ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के विदेशमंत्रियों से टेलीफ़ोनी वार्ता में कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र के अनुच्छेद 51 के अनुसार अपने क़ानूनी अधिकार के अनुसार क़दम उठाया है।
उन्होंने कहा कि हमने इज़राइल के केवल सैनिक और सुरक्षा ठिकानों को टारगेट किया। तसनीम न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार सैय्यद अब्बास इराक़ची ने बीती रात ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी और कुछ दूसरे देशों के विदेशमंत्रियों से टेलीफ़ोनी वार्ता में ईरान के मिसाइल हमले और ग़ज़ा पट्टी और लेबनान के हालात के संबंध में बातचीत की।
सैय्यद अब्बास इराक़ची ने इन वार्ताओं में इज़राइल के आतंकवादी हमले के बाद दो महीने से अधिक समय तक ईरान के संयम की ओर संकेत किया। विदेशमंत्री ने तेहरान में इस्माईल हनिया को शहीद किये जाने, ग़ज़ा में ज़ायोनी सरकार के हमलों के जारी रहने और अब लेबनान तक उसके फैल जाने की ओर संकेत किया और कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र के अनुच्छेद 51 के अनुसार केवल अपने क़ानूनी अधिकार का प्रयोग किया है। विदेशमंत्री ने बल देकर कहा कि ईरानी हमला ख़त्म हो गया है मगर अगर ज़ायोनिस्ट रेजीम सैनिक कार्यवाही की चेष्टा करती है तो हमारा जवाब इससे भी शक्तिशाली होगा।
उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान तनाव और युद्ध में वृद्धि का इच्छुक नहीं है अलबत्ता वह युद्ध से भयभीत भी नहीं है और हम तीसरे पक्ष को चेतावनी देते हैं कि वह इस युद्ध में हस्तक्षेप न करें।
इसी प्रकार ईरान के विदेशमंत्री ने समस्त देशों का आह्वान किया है कि वे शांति व सुरक्षा स्थापित करने, ज़ायोनी सरकार के हमलों को रोकने और क्षेत्र में विशेषकर लेबनान और ग़ज़ा में तनाव को बढ़ने से रोकें।
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