ईरान के जवाबी हमले पर क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?
पार्सटुडे - इस्लामी गणतंत्र ईरान के सशस्त्र बलों ने क़ानूनी रक्षा के अधिकार की परिधि में और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, मंगलवार शाम को ज़ायोनी शासन की सैन्य पोज़ीशनों के ख़िलाफ़ मिसाइलों की बारिश कर दी।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने जाएज़ डिफ़ेंस अधिकार के अंतर्गत और ज़ायोनी शासन के सैन्य और सुरक्षा लक्ष्यों और सुविधाओं के खिलाफ इस्लामी गणतंत्र ईरान के मिसाइल हमलों के संबंध में एक बयान जारी किया।
पार्सटुडे के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है: ऑपरेशन वादए सादिक़- 2, यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत एक क़ानूनी जवाब था।
विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो इस्लामी गणतंत्र ईरान अपने क़ानूनी हितों की रक्षा के लिए और किसी भी सैन्य हमले और ताक़त के अवैध उपयोग के ख़िलाफ़ ईरान के क्षेत्रीय और संप्रभु अस्तित्व की रक्षा के लिए और अधिक रक्षात्मक उपाय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, इस बारे में कोई संदेह न रखें।
ईरानी विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची ने इंग्लैंड, जर्मनी और फ्रांस के विदेश मंत्रियों के साथ टेलीफ़ोनी बातचीत में कहा: ईरान ने केवल संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के आधार पर वैध रक्षा के अपने अधिकार का उपयोग किया है और ज़ायोनी शासन के केवल सेना और सुरक्षा ठिकानों को ही निशाना बनाया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 51 के अनुसार, यदि संयुक्त राष्ट्र संघ का कोई सदस्य सशस्त्र आक्रमण का शिकार होता है तो इस चार्टर का कोई भी प्रावधान चाहे व्यक्तिगत या सामाजिक, जाएज़ रक्षा के स्वाभाविक अधिकार के विरुद्ध नहीं है जब तक कि सुरक्षा परिषद आवश्यक कार्रवाई नहीं करता और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए बहाल नहीं कर देता।
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