ईरान के लिए गौरवपूर्ण दो महीने,100 दिनों में 10 चैंपियनशिप
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मोहम्मद हादी सारवी ईरानी ग्रीको-रोमन पहलवान, जो ज़ाग्रेब विश्व प्रतियोगिता में चैंपियन बने
पार्स टुडे – कुश्ती और कराटे से लेकर खगोल विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक, ईरान की उपलब्धियों ने दिखा दिया कि राष्ट्र दबावों के सामने डटा हुआ है और वैश्विक शिखरों पर चमक रहा है।
सिर्फ कुछ हफ्तों बाद, जब 12-दिवसीय युद्ध और क्षेत्रीय तनावपूर्ण घटनाएँ समाप्त हुईं, इस्लामी गणराज्य ईरान ने खेल, विज्ञान, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में सफलता और चैंपियनशिप की एक लहर का अनुभव किया। ये उपलब्धियाँ कई देशों में मीडिया की प्रमुख सुर्खी बन सकती थीं लेकिन ईरान के मामले में या तो चुप्पी साध ली गई या न्यूनतम कवरेज दिया गया।
पार्स टुडे ने फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के हवाले से बताया कि इसी दौरान विरोधी मीडिया ने आंतरिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए और कमजोरियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए ईरान के भविष्य की निराशाजनक तस्वीर दिखाने की कोशिश की। इसके बावजूद, पिछले दो महीनों की उपलब्धियाँ और घटनाएँ ईरान आज की एक अलग और यथार्थपरक तस्वीर प्रस्तुत करती हैं, एक ऐसी तस्वीर जो संकल्प, क्षमता और गौरव से भरपूर है।
खेल के क्षेत्र में, युद्ध के दौरान, ईरान की राष्ट्रीय फ़ुटसाल टीम ने अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर और पूरी ताक़त के साथ इटली में विश्व चैंपियनशिप जीता। युद्ध समाप्त होने के तुरंत बाद, ईरान की महिला राष्ट्रीय टीम एशियाई कप की प्रारंभिक प्रतियोगिताओं में अपने समूह में प्रथम स्थान पर रही और अंतिम चरण में पहुँची।
ईरान की युवा राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए और इटली जैसे शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वियों को हराकर, तीसरी बार विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की। ईरान के राष्ट्रीय स्पीड-स्केटिंग खिलाड़ी, अमीर महदी याहक़ी ने विश्व चैम्पियनशिप में 100 मीटर जूनियर स्पर्धा के फ़ाइनल में कांस्य पदक जीता। यह ईरान का स्पीड-स्केटिंग विश्व चैम्पियनशिप में पहला पदक था।
कुश्ती में भी बड़ी सफलताएँ दर्ज की गईं; ईरान की फ्रीस्टाइल कुश्ती टीम ने 12 साल बाद एक बार फिर विश्व चैंपियनशिप जीता और युवा ग्रीको-रोमन कुश्ती टीम भी विश्व प्रतियोगिताओं से शानदार उपलब्धियों के साथ लौटी और पहला स्थान प्राप्त किया।
साथ ही ग्रीको-रोमन राष्ट्रीय टीम की विश्व चैंपियनशिप में जीत को भी कुश्ती फ़ेडरेशन की उपलब्धियों में जोड़ा जाना चाहिए ताकि पहलवानों की और अधिक शानदार सफलताओं को समझा जा सके।
एक और महत्वपूर्ण तथ्य राष्ट्रीय फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन कुश्ती टीमों के बारे में यह है कि ईरान, सोवियत संघ, रूस और जॉर्जिया के बाद, दुनिया का तीसरा देश बन गया है जिसकी दोनों टीमें फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन एक ही समय में विश्व चैंपियन बनी हैं और इस तरह एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज किया है।
कराटे में सारा बहमनयार ने अपने सभी मुकाबलों में जीत हासिल कर ईरानी महिलाओं के लिए इस खेल में पहला विश्व स्वर्ण पदक जीता। वुशु के ताओलू में भी ज़हरा कियानी ने ईरानी महिलाओं के इतिहास का पहला स्वर्ण पदक हासिल किया।
शतरंज में 14 वर्षीय ईरानी प्रतिभा सीना मुवह्हिद ने ग्रैंडमास्टर का खिताब और विश्व चैंपियनशिप जीतकर ईरान का नाम इस खेल से संबंधित खेल समाचारों की सुर्खियों में शीर्ष पर पहुँचा दिया। सफलताएँ यहीं समाप्त नहीं हुईं, ईरान की किशोर लड़कियों और लड़कों की राष्ट्रीय ताइक्वांडो टीमों ने भी एशियाई उपविजेता बनकर इस खेल का भविष्य ईरान के लिए और भी अधिक आशाजनक बना दिया।
ईरान की अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक उपलब्धियों ने एक बार फिर इस देश के युवाओं की प्रतिभा को दुनिया के सामने उजागर किया। ईरान की राष्ट्रीय खगोल विज्ञान और खगोल-भौतिकी ओलंपियाड टीम ने 50 से अधिक देशों पर विजय प्राप्त कर विश्व प्रतियोगिताओं में "सबसे स्वर्णिम टीम" का गौरवपूर्ण खिताब हासिल किया। यह सफलता केवल टीम के सदस्यों की अथक मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि यह ईरान की वैज्ञानिक और शैक्षिक क्षमता का भी प्रमाण है जो प्रतिभाओं को निखारने और युवा पीढ़ी की वैश्विक स्तर की वैज्ञानिक प्रतियोगिताओं में भागीदारी की योग्यता को सिद्ध करता है।
यह महान गौरव, विज्ञान के विशेष क्षेत्रों में ईरानी युवाओं की दृढ़ता और संकल्प का प्रतीक है और खगोल विज्ञान तथा खगोल-भौतिकी के क्षेत्र में ईरान की अग्रणी स्थिति की पुष्टि करता है। इस प्रकार की उपलब्धियाँ न केवल राष्ट्र में आशा और आत्मविश्वास को मजबूत करती हैं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ईरान की छवि को और भी सकारात्मक और शक्तिशाली बनाती हैं, एक ऐसा तत्व जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक हो सकता है और ईरान के विकास व प्रगति के मार्ग में और अधिक वैज्ञानिक सफलताओं का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। mm