अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का फ़ैसला, अमरीका के लिए बहुत बड़ा झटकाः ईरान
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने वाशिंग्टन के विरुद्ध तेहरान की शिकायत के मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट की ओर से सुनाए गये फ़ैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के उच्च स्थान के दृष्टिगत इस फ़ैसले ने अमरीका की लोकप्रियता दांव पर लगा दी है।
हेग के अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय ने बुधवार को एलान किया है कि ईरान तथा अमरीका के बीच 1955 के एमिटी समझौते के आधार पर यदि दोनो देशों के बीच मतभेद हों और यह मतभेद, कूटनीतिक मार्ग से हल न हो सकें तो एेसे में वे अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय से संपर्क स्थापित कर सकते हैं। जेसीपीओए में दोनो शर्तों की ओर संकेत किया गया है। इस आधार पर न्यायालय का मानना है कि वह इस केस की पैरवी करने की योग्यता रखता है।
विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की ओर से अमरीका के लिए सुनाए गये अंतरिम फ़ैसले की अच्छाई यह है कि दूसरे देश वर्तमान समय में जब नवम्बर के महीने में ईरान के विरुद्ध अमरीका के ताज़ा प्रतिबंधों की बात चल रही है, न्यायालय के इस फ़ैसले के आधार पर प्रतिबंध लगाने की अमरीकी इच्छा का ध्यान न रखें और उसका फ़ैसला मानने से इनकार कर दें।
श्री बहराम क़ासिमी ने आशा व्यक्त की है कि अमरीका को अधिक बुद्धि और समझबूझ से ईरान के संबंध में और अधिक विचार करना चाहिए और ईरान के बारे में दुनिया के लोग जो पहचान रखते हैं उसके आधार पर उसे ग़लत रास्ता छोड़ देना चाहिए। (AK)