शहीद मुतह्हरी इस्लामी विचारों को जीवित करने वाले थे" अली अस्करी
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आईआरआईबी के प्रमुख ने कहा कि उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी ने युवाओं और अपने समय के लोगों की वैचारिक आवश्यकताओं को समझा और पूरब और पश्चिम की विचारधाराओं के हमलों के मुकाबले में डट गये
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
May ०३, २०१९ १०:२२ Asia/Kolkata
  • शहीद मुतह्हरी इस्लामी विचारों को जीवित करने वाले थे

आईआरआईबी के प्रमुख ने कहा कि उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी ने युवाओं और अपने समय के लोगों की वैचारिक आवश्यकताओं को समझा और पूरब और पश्चिम की विचारधाराओं के हमलों के मुकाबले में डट गये

इस्लामी गणतंत्र ईरान की विदेश सेवा की रेडियो व टीवी संस्था के प्रमुख ने कहा है कि शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी पूरब और पश्चिम की पथभ्रष्ठ विचारधाराओं के मुकाबले में इस्लामी विचारों को जीवित करने वाले थे।

अली अस्करी ने उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी की शहादत की 40वीं बर्सी के अवसर पर गुरूवार को कहा कि उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी ने पूरब और पश्चिम की विचार धाराओं के मुकाबले में इस्लामी विचारों को जीवित किया।

आईआरआईबी के प्रमुख ने कहा कि उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी ने युवाओं और अपने समय के लोगों की वैचारिक आवश्यकताओं को समझा और पूरब और पश्चिम की विचारधाराओं के हमलों के मुकाबले में डट गये और समाज का मार्गदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी ग़लत विचार धाराओं और खतरनाक शैलियों को अच्छी तरह समझते थे और उन्होंने इन विचारधाराओं व खतरनाक शैलियों को क्रांतिकारी लोगों के मध्य प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया।

आईआरआईबी के प्रमुख ने उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी के जीवन के दौरान बनी आइडियालोजी की ओर संकेत किया और कहा कि उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी ने गुमराह व भ्रष्ठ विचारधाराओं के मुकाबले में इस्लामी आइडियालोजी को बयान किया और अपने भाषणों और अपनी रचनाओं में इन विचारों को बयान करते थे। ज्ञात रहे कि दो मई को उस्ताद शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी की शहादत की 40वीं बर्सी थी। MM