प्रतिबंध लगाकर ज़बान बंद नहीं की जा सकतीः रवांची
अमेरिका ने ईरानी विदेशमंत्री पर जो प्रतिबंध लगाया है उसकी वजह से देश के भीतर और बाहर उसे विस्तृत पैमाने पर आलोचनाओं का सामना है।
राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने कहा है कि प्रतिबंध लगाकर ज़रीफ़ की तर्कपूर्ण ज़बान को बंद नहीं किया जा सकता।
पार्स डूटे के अनुसार मजीद तख्त रवांची ने आज सुबह इर्ना के साथ साक्षात्कार में कहा कि विदेशमंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ पर प्रतिबंध इस बात का सूचक है कि अमेरिका ईरान से वार्ता में सच्चा नहीं है।
उन्होंने विदेशमंत्री की गतिविधियों पर अमेरिका के नये प्रतिबंधों के प्रभाव के बारे में कहा कि जिस तरह दो सप्ताह पहले विदेशमंत्री की गतिविधियों को सीमित किये जाने का कोई प्रभाव नहीं पड़ा उसी तरह यह प्रतिबंध भी ईरानी विदेशमंत्री की गतिविधियों को प्रभावित नहीं कर सकते।
अमेरिकी विदेशमंत्री ने अभी हाल में न्यूयार्क की जो यात्रा की थी और वहां पर साक्षात्कार दिये गये उससे अमेरिकी अधिकारी क्रोधित हैं और वहीं पर उनकी गतिविधियों को सीमित कर दिया था।
अमेरिका ने ईरानी विदेशमंत्री पर जो प्रतिबंध लगाया है उससे देश के भीतर और बाहर उसे विस्तृत पैमाने पर आलोचनाओं का सामना है।
अमेरिकी कांग्रेस के बहुत से सांसदों और यूरोपीय संघ के बहुत से नेताओं ने एक विज्ञप्ति जारी करके वाशिंग्टन के इस कदम पर खेद जताया है।
चीन ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच जो तनाव है उससे निकलने का एकमात्र मार्ग वार्ता है। साथ ही चीनी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने वाशिंग्टन का आह्वान किया है कि जो आग भड़क उठी है उसे वह हवा देने का प्रयास न करे। MM