बीते साल ईरानियों ने बेहद गौरवशाली शौर्य गाथा लिखी, हम हारे नहीं और न ही घुटने टेके, राष्ट्रपति रूहानी
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने नये हिजरी शम्सी साल के आरंभ के अवसर पर कहा कि बीता हुआ साल, दुर्घटनाओं और शौर्य गाथाओं का साल था, इस दौरान हमारे देश के इतिहास की बड़ी - बड़ी घटनाएं घटीं
राष्ट्रपति हसन रुहानी ने शुक्रवार को नव वर्ष के अपने संदेश में ईरान के खिलाफ अमरीकी प्रतिबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि दुश्मनों ने अत्याधिक कड़े प्रतिबंध लगाए और यह सोच कर कि हमारी जनता घुटने टेक देगी लेकिन ईरान के महान राष्ट्र ने इन कठिनाइयों का डट कर मुक़ाबला किया और शौर्य की नयी गाथा लिख दी, बिना तेल की आमदनी के देश चलाने की अमर गाथा जो कई दशकों में देश में पहली बार हुआ है।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि अमरीकियों की इच्छा थी कि मुद्रा मुद्रास्फीति और मंदी से ईरान को संकटमय स्थिति में डाल दें लेकिन सारे आंकड़ें बताते हैं कि बीते वर्ष के 9 महीनों में ईरान का आर्थिक विकास सकारात्मक रहा है और महंगाई पर यथासंंभव लगाम रही।
राष्ट्रपति रूहानी ने बल दिया कि आज अर्थात सन 1399 हिजरी शम्सी के पहले दिन ईरान का स्ट्रेटजिक विदेशी मुद्रा भंडार हर साल से अधिक अच्छा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमने हार नहीं मानी है, अमरीकी दबाव के सामने डटे हैं, संघर्ष किया है और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अमरीका के सामने जीत दर्ज की है जहां उसके खिलाफ फैसला सुनाया गया और ईरान को सभी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और संगठनों मे राजनीतिक और आम जनमत के लिहाज़ से जीत मिली। Q.A.