Jan १२, २०२१ १९:३६ Asia/Kolkata
  • इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का क़बूलनामा, ईरानी मिसाइल टेक्नालोजी के जनक शहीद तेहरानी मुक़द्दम और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या में मानी अपनी भूमिका

एक किताब सामने आई है जो चार खंडों पर आधारित है जिसमें इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के गठन की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है। राइज़ एंड किल फ़र्स्ट नाम की इस किताब में मोसाद के ख़ुफ़िया आप्रेशनों और टारगेट किलिंग के बारे में बताया गया है।

किताब के लेखक रोनिन बर्गमैन हैं जो विख्यात इस्राईली लेखकों में गिने जाते हैं वह खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे हैं। उनकी किताब सारी दुनिया में पढ़ी जाती है। बर्गमैन ने इस किताब में इस्राईली इंटेलीजेन्स एजेंसियों के बारे में एसे तथ्य पेश किए हैं जो टाप सीक्रेट की कैटेगरी में आते हैं। उन्होंने दुनिया के अनेक देशों में मोसाद की ख़ौफ़नाक गतिविधियों के बारे में सही तसवीर पेश करने के लिए हज़ारों दस्तावेज़ों जिनमें कुछ तो उनको ग़ैर क़ानूनी रूप से हासिल हुए इसी तरह अनगिनत किताबों और लेखों को अपने सामने रखा, इसी तरह मोसाद के उच्चाधिकारियों से भी इंटरव्यू किए जो महत्वपूर्ण आप्रेशनों का हिस्सा रह चुके हैं।

 

किताब के एक भाग में ईरान का भी उल्लेख किया गया है और ईरान में मोसाद की विध्वंसक गतिविधियों के बारे में बताया गया है जिनमें वैज्ञानिकों की हत्याएं भी शामिल हैं। बर्गमैन एक घटना के बारे में बताते हुए एक बड़े राज़ से पर्दा उठाते हैं जो अब तक पर्दे में था।

वह मोसाद के पूर्व प्रमुख मेयर डागान के कार्यकाल के आख़िरी दिन के बारे में बताते हैं कि एक दिन उन्हें एक ख़ुफ़िया दावतनामे के ज़रिए उस बैठक में बुलाया गया जिसमें नेतनयाहू के प्रवक्ता, डागान को पद से हटाए जाने की घोषणा करने वाले थे।

बर्गमैन लिखते हैं कि वह दिन मोसाद चीफ़ के रूप में डागान का आख़िरी दिन था। नेतनयाहू ने हाल से निकासी का दरवाज़ा डागान को इशारे से दिखाया। डागान जिन की कामना थी कि उन्हें इस्राईल के सबसे बड़े जासूस का रुतबा मिले, नेतनयाहू की इस हरकत पर चुप नहीं रहना चाहते थे। दो मामलों में नेतनयाहू और डागान के बीच गहरे मतभेद पैदा हो गए थे और वह दोनों ही मामले टारगेट किलिंग की घटनाओं से जुड़े हुए थे।

आठ साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने डागान को मोसाद का चीफ़ बनाया था और उन्हें ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के लिए विध्वंसक कार्यवाहियों की ज़िम्मेदारी सौंपी थी।

डागान के लिए सबसे महत्वपूर्ण और साथ ही सबसे कठिन काम ईरान के परमाणु व मिसाइल टेक्नालोजी के क्षेत्र में सक्रिय वैज्ञानिकों की पहिचान करना, उनके ठिकाने की खोज करना और फिर उनकी हत्या करना था।

मोसाद ने इनमें से 156 लोगों की लिस्ट तैयार की और उनमें से 6 की हत्या भी कर दी। इनमें अधिकतर की हत्या मैगनेट बम से की गई जो मोटरसाइकल पर सवार तत्वों ने वैज्ञानिकों की गाड़ी पर चिपका दिए।

एक आप्रेशन में सिपाहे पासदारान फ़ोर्स के वरिष्ठ कमांडर और ईरान के मिसाइल कार्यक्रम के जनक तेहरानी मुक़द्दम अपने 17 साथियों के साथ शहीद हो गए थे।  

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