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आज़ाद रहो! इमाम हुसैन (अ.स.) के महाआंदोलन के संदेश
Jun २९, २०२५ १७:१३स्वतंत्र रहो! इमाम हुसैन (अ.स.) के अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के प्रेरक वचन
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धर्म में गहराई से ज्ञान प्राप्त करो, क्योंकि यह समझदारी की चाबी है, इमाम मूसा अल-काज़िम (अ.स.) की हदीस की व्याख्या
Jun २८, २०२५ १८:२२पार्स टुडे - इमाम मूसा अल-काज़िम (अ.स.) की एक हदीस में उन्होंने ईश्वर के धर्म में गहराई से अध्ययन करने को रोशन-बीनी की कुंजी बताया है।
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सुंदरता से भी सुंदर क्या है? इमाम हादी अलैहिस्सलाम से 8 हदीसें
Jun ११, २०२५ १७:३८पार्स टुडे- इमाम हादी अलैहिस्सलाम पैग़म्बरे इस्लाम के वंशजों में से थे। उन्होंने दुश्मनों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए क़ुरआन, इस्लाम और धार्मिक शिक्षाओं को तहरीफ़ होने से सुरक्षित रखा।
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हक़्क़ुन्नास यानी लोगों का हक़ वह हक़ है जिसे अल्लाह भी माफ़ नहीं करेगा
Jun १०, २०२५ १६:२०पार्स टुडे- लोगों के अधिकार उन अधिकारों को कहते हैं जो मनुष्य को दूसरों के साथ संबंधों के कारण प्राप्त होते हैं। ये सभी नैतिक और कानूनी दायित्वों व कर्तव्यों को शामिल करते हैं जिनका पालन व्यक्ति को समाज के अन्य सदस्यों के प्रति करना चाहिए।
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इस्लाम बातचीत करने के लिए किन तरीक़ों की सिफ़ारिश करता है? कुछ बिंदु
Jun ०९, २०२५ १८:२०पार्स टुडे – निःसंदेह अच्छी वाणी उन महान नेमतों में से एक है जिसे ख़ुदा ने इंसान को अता किया है। इसके माध्यम से मनुष्य अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचा सकता है और अपनी भावनाओं, संवेदनाओं तथा इच्छाओं को प्रकट कर सकता है।
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ईद-उल-अज़हा: हृदय और समाज की पवित्रता का अवसर, लगाव व मायामोह से मुक्ति का प्रतीक
Jun ०७, २०२५ १६:३४पार्स टुडे – एक हदीस शोधकर्ता के अनुसार, इमाम रज़ा (अ.स.) का ईद-उल-अज़हा के दिन के लिए संदेश केवल बाहरी रस्मों तक सीमित नहीं है; यह समाज के नैतिक और सामाजिक पुनर्निर्माण के निमंत्रण का दिन है।
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घमंड से बचो, इमाम मुहम्मद बाक़िर (अलैहिस्सलाम) की 9 नैतिक व अख़लाक़ी हदीसें
Jun ०५, २०२५ १५:३०पार्सटुडे- इमाम मुहम्मद बाक़िर (अलैहिस्सलाम) ने, जो इस्लाम के पैगम्बरे इस्लाम (स.अ.) के वंशज हैं, घमंड और खुद को बड़ा समझने को उस सवारी के समान बताया है जो अपने सवार को आग व नरक की ओर ले जाती है।
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इस्लाम में ज़ीनत और सजावट का क्या स्थान है?
May ३१, २०२५ १५:३२पार्स टुडे - चूँकि पवित्र धर्म इस्लाम स्वयं सौंदर्य और सजावट के अनुरूप है, यह अपने अनुयाइयों को आदेश देता है कि वे सदैव कुरूपता और गंदगी के सभी स्वरूपों को स्वयं से और अपने जीवन-पर्यावरण से दूर रखें और जब दूसरों से मिलें तो सुसज्जित और सुंदर स्वरूप में दिखाई दें।
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माता-पिता का सम्मान, आध्यात्मिक विकास का एक मार्ग है
May २८, २०२५ १८:३४पार्स टुडे- आसमानी किताब क़ुरआन में बार-बार माता-पिता के सम्मान पर ज़ोर दिया गया है, इस विषय का महत्व इतना अधिक है कि ख़ुदा ने इसे एक महत्वपूर्ण सिद्धांत "तौहीद" (एकेश्वरवाद) के साथ रखा और बयान किया है।
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"स्वर्ग किन प्रबंधकों पर हराम है? इस विषय पर पैग़म्बर इस्लाम और उनके परिजनों की कुछ हदीसें
May ११, २०२५ १६:४७पार्स टुडे – इस्लाम धर्म की दृष्टि में अधीनस्थ लोगों के साथ व्यवहार सम्मानपूर्ण और उदार होना चाहिए। अर्थात्, अधीनस्थ को भी सम्मान और मूल्य देना आवश्यक है।