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घमंड से बचो, इमाम मुहम्मद बाक़िर (अलैहिस्सलाम) की 9 नैतिक व अख़लाक़ी हदीसें
Jun ०५, २०२५ १५:३०पार्सटुडे- इमाम मुहम्मद बाक़िर (अलैहिस्सलाम) ने, जो इस्लाम के पैगम्बरे इस्लाम (स.अ.) के वंशज हैं, घमंड और खुद को बड़ा समझने को उस सवारी के समान बताया है जो अपने सवार को आग व नरक की ओर ले जाती है।
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इस्लाम में ज़ीनत और सजावट का क्या स्थान है?
May ३१, २०२५ १५:३२पार्स टुडे - चूँकि पवित्र धर्म इस्लाम स्वयं सौंदर्य और सजावट के अनुरूप है, यह अपने अनुयाइयों को आदेश देता है कि वे सदैव कुरूपता और गंदगी के सभी स्वरूपों को स्वयं से और अपने जीवन-पर्यावरण से दूर रखें और जब दूसरों से मिलें तो सुसज्जित और सुंदर स्वरूप में दिखाई दें।
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माता-पिता का सम्मान, आध्यात्मिक विकास का एक मार्ग है
May २८, २०२५ १८:३४पार्स टुडे- आसमानी किताब क़ुरआन में बार-बार माता-पिता के सम्मान पर ज़ोर दिया गया है, इस विषय का महत्व इतना अधिक है कि ख़ुदा ने इसे एक महत्वपूर्ण सिद्धांत "तौहीद" (एकेश्वरवाद) के साथ रखा और बयान किया है।
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"स्वर्ग किन प्रबंधकों पर हराम है? इस विषय पर पैग़म्बर इस्लाम और उनके परिजनों की कुछ हदीसें
May ११, २०२५ १६:४७पार्स टुडे – इस्लाम धर्म की दृष्टि में अधीनस्थ लोगों के साथ व्यवहार सम्मानपूर्ण और उदार होना चाहिए। अर्थात्, अधीनस्थ को भी सम्मान और मूल्य देना आवश्यक है।
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नमाज़: विनम्र मनुष्य की उड़ान का पंख; नमाज़ के प्रति अहले-बैत अलै. का अपार प्रेम
May १०, २०२५ १६:४५पार्स टुडे – आयतुल्लाह रशाद ने इस्लाम में नमाज़ की महत्ता की ओर संकेत करते हुए कहा: "इस्लामी धर्म-व्यवस्था में नमाज़ के उच्चतम उद्देश्य और गहरी हिकमतें (दार्शनिक तत्व) निहित हैं, जो इस्लामी जीवनशैली में स्पष्ट रूप से प्रकट होती हैं।"
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चुग़ुलखोर से सावधान रहो! इस अनैतिक अवगुण के बारे में पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों की कुछ हदीसें
May ०७, २०२५ १६:४६पार्सटुडे- चुग़ुलखोरी का अर्थ यह है कि दोस्ताना संबंधों को ख़राब करने के लिए एक शख्स की बात दूसरे लोगों से कह देना
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(अगर अपने और अपने दुश्मन के साथ कोई समझौता करो तो उसके प्रति वचनबद्ध रहो) समझौते के प्रति कटिबद्ध रहने के बारे में पैग़म्बरे इस्लाम और उनके उत्तराधिकारी की कुछ हदीसें
Apr २९, २०२५ १८:३१पार्सटुडे- हदीसों के अनुसार समझौते के प्रति वफ़ा समस्त धर्मों का सार व निचोड़ है।
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तौबा में किन विशेषताओं को होना चाहिये?
Apr २३, २०२५ १७:२४पार्सटुडे- इस्लाम धर्म में तौबा गुनाहों से पाक होने का रास्ता, जीवन के रास्ते को बदलने और महान ईश्वर से संबंधों को मज़बूत करने का मार्ग है। सही तरह से और समय पर तौबा व्यक्तिगत विकास और महान ईश्वर और उसकी कृपा से निकट होने का कारण बनती है।
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(सलाह-मशवेरा मार्गदर्शन का चेराग़ है) हज़रत अली अलैहिस्सलाम की 9 शिक्षाप्रद सिफ़ारिशें
Apr २१, २०२५ १६:२४इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ में पैग़म्बरे इस्लाम के उत्तराधिकारी हज़रत अली अलैहिस्सलाम के रौज़े की तस्वीर, प्रतिवर्ष पैग़म्बरे इस्लाम और अहलेबैत अलै. से प्रेम करने वाले लाखों श्रद्धालु इस पावन समाधि की ज़ियारत के लिए जाते हैं।
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दोस्त वह है, जो तुम्हें बुराई से रोके, अच्छे दोस्त की पहचान पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों की नज़र में
Mar ३१, २०२५ १९:१४हर इंसान अपने साथियों से प्रभावित होता है और हर इंसान के भाग्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उसके साथियों द्वारा निर्धारित होता है।