Oct ३१, २०२३ १४:२६ Asia/Kolkata

योरोप में फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में होने वाले प्रदर्शनों ने वहां के नेताओं को परेशान कर रखा है।

ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन द्वारा अंधाधुंध बमबारी करने और उसके नतीज़ में हज़ारों बेगुनाह फ़िलिस्तीनियों की शहादत पर पूरी दुनिया मे इस्राईल का विरोध किया जा रहा है। 

विश्व के विभिन्न देशों में लोग ग़ज़्ज़ा में की जाने वाली ज़ायोनियों की पाश्विक कार्यवाही का खुलकर विरोध कर रहे हैं। फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन यूरोपीय देशों में किये जा रहे हैं।  इसी बीच ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इन प्रदर्शनों को घृणा की रैली की संज्ञा दी है।उन्होंने कहा कि हालिया कुछ दिनों के दौरान मैंने देखा कि कुछ लोग इस्राईल को मानचित्र से हटाने की मांग कर रहे हैं।  ब्रिटेन की गृहमंत्री के अनुसार मेरे हिसाब से इस प्रकार के प्रदर्शनों के लिए केवल यही कहा जा सकता है कि यह घृणा की रैलियां हैं। 

ब्रिटेन में ज़ायोनी विरोधी प्रदर्शनों पर सरकारी रोक के बावजूद वहां के हज़ारों लोग इस देश के विभिन्न नगरों में अबतक कई रैलियां निकाल चुके हैं।  पिछले शनिवार को लगभग पांच लाख लोगों ने लंदर में प्रदर्शन करते हुए ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की पाश्विक कार्यवाहियों की कड़ी निंदा की थी।  प्रदर्शनकारी, ग़ज़्ज़ा में तत्काल युद्ध विराम की मांग कर रहे थे।  इसी के साथ वे ग़ज़्ज़ा वासियों के लिए मानवता प्रेमी सहायता भेजे जाने पर भी बल दे रहे थे। 

फ़िलिस्तीनियों के समर्थन और इस्राईल के विरोध में प्रदर्शनों का मामला केवल ब्रिटेन तक ही सीमित नहीं है बल्कि जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली और यूनान जैसे यूरोपीय देशों में भी एसे ही प्रदर्शन किये जा रहे हैं।  यूरोपीय सरकारों ने अपने यहां इस प्रकार के प्रदर्शनों पर रोक लगा रखी है।  इस्राईल का समर्थन करते हुए इन सरकारों ने प्रदर्शन करने पर दंड भी निर्धारित किया है।  यह विषय, मानवाधिकारों तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर यूरोपीय सरकारों के दोहरे मानदंडों को दर्शाता है। 

इससे यह पता चलता है कि अमरीका की ही भांति यूरोप में भी ज़ायोनी लाबी के प्रभाव के कारण ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में फ़िलिस्तीन की अत्याचारग्रस्त जनता का समर्थन और अवैध ज़ायोनी शासन का विरोध करना मना है।  इसके बावजूद इन देशों में रहने वाले स्वतंत्रता प्रेमी, ग़ज़्ज़ा वासियों पर किये जा रहे इस्राईल के अत्याचारों का विरोध कर रहे हैं। 

इस समय ग़ज़्जा में पानी, बिजली और ईंधन की बहुत कमी है।  वहां के लिए बिजली, पानी और ईंधन की सप्लाई को इस्राईल ने काट दिया है।  ग़ज़्ज़ा के आवासीय क्षेत्रों, अस्पतालों और स्कूलों पर ज़ायोनियों की बमबारी जारी है।  वर्तमान समय में पूरी दुनिया के इंसाफ पसंद लोग ग़ज़्ज़ा में युद्धबंदी के लिए प्रयास कर रहे हैं जबकि मानवाधिकारों का दम भरने वाले देश एसा नहीं होने दे रहे हैं।

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