Jan ०१, २०२४ १४:५८ Asia/Kolkata

नेतनयाहू ने एली कोहेन को उनके पद से हटा दिया है।

सन 2023 के अन्तिम दिन ज़ायोनी शासन के विदेशमंत्री को उनके पद से हटा दिया गया।  अवैध ज़ायोनी शासन के विदेशमंत्री के रूप में एली कोहेन को हटाए जाने के कई कारण बताए जा रहे हैं। 

पहला कारण तो यह बताया जा रहा है कि एलिन कोहेन के क्रियाकलाप बहुत कमज़ोर रहे।  ग़ज़्ज़ा युद्ध को आरंभ हुए अब तीसरा महीना होने को जा रहा है।  इस युद्ध के कारण ज़ायोनी शासन की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है।  यह शासन आम जनमत के कड़े दबाव में है।  इसी के साथ कुछ सरकारों की भी उसपर दबाव बना हुआ है।  ज़ायोनियों का मानना है कि इन हालात में एक विदेशमंत्री के रूप में एली कोहेन के क्रियाकलाप बहुत ही कमज़ोर रहे।  आज भी इस अवैध शासन के विरुद्ध दुनिया के बहुत से हिस्सों में प्रदर्शन किये जा रहे हैं।  यह प्रदर्शन उन देशों में भी हो रहे हैं जो किसी न किसी रूप में अवैध ज़ायोनी शासन के समर्थक माने जाते हैं। 

एली कोहेन को उनके पद से हटाने का दूसरा कारण यह है कि 27 अगस्त 2023 को उन्होंने इटली में लीबिया की तत्कालीन विदेशमंत्री से भेंटवार्ता की थी।  इस भेंटवार्ता को गोपनीय रखा जाना था किंतु वह गोपनीय नहीं रह पाई।  इसका नतीजा यह हुआ कि लीबिया में बहुत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किये जाने लगे।  बात इतनी बढ़ गई कि लीबिया की तत्कालीन विदेशमंत्री नजला अनमनक़ूश को उनके पद से हटा दिया गया और उनको लीबिया छोड़कर भागना पड़ा। 

इस घटना के साथ ही लीबिया में व्यापक स्तर पर इस्राईल का विरोध किया जाने लगा।  इन विरोध प्रदर्शनों के कारण लीबिया के साथ अवैध ज़ायोनी शासन का संबन्धों को सामान्य करने का कार्यक्रम खटाई में पड़ गया। इसको अवैध ज़ायोनी शासन के विदेशमंत्री एली कोहेन की अक्षमता बताया गया क्योंकि वे एक बहुत ही सीक्रेट मुलाक़ात को गोपनीय रखने में विफल सिद्ध हुए।

एली कोहेन की अपने पद से बरख़ास्तगी का एक अन्य कारण, नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल में पाया जाने वाला गंभीर मतभेद है।  अपने अपदस्त किये जाने की सूचना मिलने पर उन्होंने समाचारपत्र यदीऊन आहारनूत के साथ वार्ता में कहा था कि मैं मंत्रीमण्डल के निर्णय का सम्मान करता हूं कि किंतु यह काम, युद्ध के हालात में उचित नहीं है।  नेतनयाहू द्वारा इस बात ज़ोर दिये जाने को मैं समझ नहीं पा रहा हूं।  एली कोहेन के इस बयान ने अवैध ज़ायोनी शासन के सत्ता के गिलयारों में पाए जाने वाले मतभेदों की पुष्टि कर दी। 

हालांकि अभी तो एली कोहेन को ही विदेश मंत्री के पद से हटाया गया है किंतु अवैध ज़ायोनी शासन में पाए जाने वाले गंभीर मतभेदों के दृष्टिगत इस बात की बहुत संभावना पाई जाती है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के बाद नेतनयाहू का मंत्रीमण्डल ही तहस-नहस हो जाए और उसके राजनीतिक जीवन का अंत हो जाए।  इस्राईल में लंबे समय में नेतनयाहू के विरुद्ध प्रदर्शन किये जा रहे हैं।  यह लोग नेतनयाहू को उसके पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। 

एसे में स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए यह संभव है कि नेतनयाहू अपने ही मंत्रीमण्डल के कुछ और मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने का प्रयास करे किंतु अब देखना यह है कि इस तरह की हरकतें करके नेतनयाहू कबतक स्वयं को सत्ता की गद्दी पर बनाए रख सकता है?

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