Feb २०, २०२४ १४:१६ Asia/Kolkata

रफ़ह की त्रास्दी पर जहां 13 लाख से अधिक फ़िलिस्तीनियों ने शरण ले रखी है जर्मनी सहित पश्चिमी देशों के नेता चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं।

ख़ास तौर पर इसलिए भी ज़ायोनी अधिकारियों ने रमज़ान तक रफ़ह पर हमला शुरू कर देन की धमकी दी है।...यह बयान जर्मनी के अधिकारी दे रहे हैं कि हमें रफ़ह की स्थिति को लेकर चिंता है। उत्तरी ग़ज़ा के लोग अपनी जान बचाने के लिए दक्षिणी ग़ज़ा के रफ़ह शहर में जा रहे थे। नतीजे में वहां 13 लाख लोग जमा हो गए हैं।

रफ़ह के बारे में यह घड़ियाली आंसू तब बहाए जा रहे हैं जब म्युनिख़ की सुरक्षा बैठक में पश्चिमी नेताओं ने ग़ज़ा पट्टी के मसले को हाशिए पर डाल दिया और यूक्रेन पर ध्यान केन्द्रित किया। जब जर्मन चांसलर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बेतुका तर्क दिया।

हम उनसे अनुरोध करते हैं, उनसे कहते हैं, उनसे अपनी हर वार्ता में यह विषय उठाते हैं। ग़ज़ा में अब तक लगभग 29 हज़ार फ़िलिस्तीनी शहीद और लाखों बेघर हो चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इसे शाकिंग बताया...उन्होंने कहा कि गज़ा में हालात बड़े भयानक हैं। सहायता संस्थाएं वहां अकल्पनीय हालात में काम करने पर मजबूर हैं। पश्चिमी देशों की जनता ग़ज़ा विशेष रूप से रफ़ह की त्रास्दी के मामले में अपने नेताओं की उदासीनता का विरोध कर रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ की शरणार्थी मामलों की संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर ज़ायोनी सेना ने रफ़ह पर हमला किया तो ग़ज़ा में और बड़ी संख्या बेघर होगी और अगर वो मिस्र की ओर जाते हैं तो एक अन्य संकट खड़ा हो जाएगा।

बर्लिन से आईआरआईबी के लिए अमीर शुजाई की रिपोर्ट   

 

 

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