Apr २८, २०२४ १९:२४ Asia/Kolkata
  • 28 अप्रैल, 1965 को डोमिनिकन गणराज्य में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप पर एक नज़र + फोटोज़
    28 अप्रैल, 1965 को डोमिनिकन गणराज्य में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप पर एक नज़र + फोटोज़

पार्सटुडे- मध्य अमेरिका में स्थित डोमिनिकन गणराज्य में 1965 में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप,  डोमिनिकन गणराज्य में वाम और दक्षिणपंथी गुटों और सेना के बीच आंतरिक संघर्ष और हिंसा में तेज़ी के बाद अंजाम पाया।

28  अप्रैल 1965 को, अमेरिकी सेना ने डोमिनिकन गणराज्य में घुसपैठ की और उसने अपने नागरिकों की सुरक्षा के बहाने इस देश पर क़ब्ज़ा कर लिया।

लेकिन कुछ ही समय में 1500 अमेरिकी नौसैनिकों की संख्या बढ़कर 40 हज़ार हो गई और 37 क्रूज़रों के सहयोग से डोमिनिकन गणराज्य को अमेरिकन सैनिकों ने घेर लिया।

अप्रैल 1965 की शुरुआत में प्रसारित एक टेलीवीजन भाषण में, अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने स्वीकार किया था कि वियतनाम युद्ध "गंदा, क्रूर और कठिन था।"

फिर भी, उसी वर्ष 28 अप्रैल को, उनके भाषण से उपजे विवाद के बाद जॉनसन ने एक नवआधार लोकतांत्रिक क्रांति को दबाने के लक्ष्य से यूनाइटेड स्टेट्स मरीन की एक बड़ी टुकड़ी सेंटो डोमिंगो भेज दिया।

जॉनसन के शब्दों के मुताबिक़, अमेरिका में "एक और क्यूबा" का डर, वाशिंगटन के छोटे कैरेबियाई देश पर हमला करने के फ़ैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का कारण बन गया।

अमेरिका के राष्ट्रपति जॉनसन ने अमेरिकी राज्यों के संगठन के चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए, जो किसी भी सदस्य देश के आंतरिक या बाहरी मामलों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप से इनकार करता है, अपने मरीन और 82वें एयरबोर्न डिवीजन को इस देश की ओर रवाना कर  दिया।

28 अप्रैल 1965 को अमेरिकी सेना ने डोमिनिकन गणराज्य में घुसपैठ की और अपने नागरिकों की सुरक्षा के बहाने इस देश पर क़ब्ज़ा कर लिया

अमेरिका ने अमेरिकी नागरिकों के जीवन की रक्षा का बहाना बनाते हुए सेंटो डोमिंगो पर आक्रमण कर दिया जबकि वास्तव में अमेरिका ने अपने आर्थिक हितों और भूराजनीतिक पहुंच की रक्षा के लिए डोमिनिकन क्षेत्र पर क़ब्ज़ा किया था।

अमेरिकी क़ब्ज़े वाली सेना ने डोमिनिकन गणराज्य की सड़कों पर अमेरिकी तख्तापलट के विरोधियों को गिरफ्तार कर लिया

इतिहासकार और पूर्व क्रांतिकारी सेनानी रॉबर्टो कासा के अनुसार, 1965 की लोकतांत्रिक क्रांति और राष्ट्रीय मुक्ति युद्ध 20वीं सदी के डोमिनिकन समाज की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में थी।

डोमिनिकन पर क़ब्ज़े के दौरान एक अमेरिकी अधिकारी

दरअसल, वियतनाम की तरह डोमिनिकन की जनता ने यह ज़ाहिर कर दिया कि एकजुट जनता, सैन्य कमज़ोरियों के बावजूद कड़ा प्रतिरोध कर सकती है।

यही हाल आज यमन के लोगों का है जो अमेरिका और ब्रिटेन का विरोध कर रहे हैं।

अप्रैल 1965 में, हैती, फ्रांस, स्पेन और मैक्सिको के डोमिनिकन और इन्टरनेश्नलिस्ट लड़ाके, वाशिंगटन के सहयोगियों के साम्राज्यवाद, श्वेत वर्चस्ववाद, पश्चिमी नस्लवाद, सैन्य क्रूरता और नरसंहार से लड़ने में प्रसिद्ध डोमिनिकन कमांडो के रूप में जाने जाने वाले लोकप्रिय मिलिशिया में शामिल हो गए।

इसके अलावा, डोमिनिकन गणराज्य पर आक्रमण से अंतर्राष्ट्रीय आक्रोश भड़क उठा।

अमेरिकी हस्तक्षेप के विरोध में डोमिनिकन जनता का आक्रोश

हालांकि अमेरिका ने विद्रोह दबा दिया और कठपुतली शासन स्थापित कर दिया लेकिन 1965 की डोमिनिकन क्रांति ने संघर्ष का एक महत्वपूर्णा नमूना और विरासत पीछे छोड़ी है।

डोमिनिकन क्रांति ने नई पीढ़ी में साम्राज्य विरोधी और क्रांतिकारी राजनीति की भावना भर दी और दुनिया को एकजुटता और एकता के नेटवर्क से जोड़ दिया।

मुख्य शब्द: दुनिया में अमेरिकी हस्तक्षेप, डोमिनिकन गणराज्य में अमेरिका, अमेरिकी युद्ध, पश्चिम में नवीन साम्राज्यवाद

 

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