Pars Today
बहरैन की विभिन्न हस्तियों और संगठनों ने इस देश के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम को इलाज के लिए विदेश भेजे जाने के आले ख़लीफ़ा सरकार के फ़ैसले को इस शासन की लाचारी बताया है।
बहरैन के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम का स्वास्थ्य अधिक बिगड़ जाने के बाद उन्हें बहरैनी सुरक्षाबलों ने एक अस्पताल में स्थानांतरित किया था, जिसके बाद गुरुवार रात उनका ऑपरेशन किया गया है।
बहरैन के विभिन्न क्षेत्रों में, सैकड़ों लोगों ने राजनीतिक क़ैदियों के समर्थन और उनसे एकजुटता प्रकट करते हुए आले ख़लीफ़ा शासन के अत्याचारों के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया।
बहरैन के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम का स्वास्थ्य अधिक बिगड़ जाने के कारण उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बहरैन का आले ख़लीफ़ा शासन दुनिया के हर उस क़ानून की धज्जियां उड़ा रहा है जो मनावाधिकार की रक्षा के लिए बना है।
अमेरिका की कठपुतली बहरैन की आले ख़लीफ़ा सरकार ने शिया मुसलमानों की एक और मस्जिद को शहीद कर दिया है।
बहरैन की 13 महिलाओं को राजनीतिक गतिविधियों के कारण जेल में डाल दिया गया है।
बहरैन में आले सऊद के समर्थन वाले शासन, आले ख़लीफ़ा ने इस देश के एक और शिया धर्मगुरू को गिरफ़्तार कर लिया है।
बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन के ख़िलाफ़ जनता का ग़ुस्सा भड़क उठा है और इस शासन के अत्याचारों के विरुद्ध प्रदर्शनों का क्रम लगातार जारी है।
बहरैन में आयोजित इमाम हुसैन के चेहलुम के अवसर पर एक शोक सभा पर बहरैनी सुरक्षाबलों ने हमला कर दिया है जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए हैं।