Pars Today
बहरैन के आले ख़लीफ़ा शासन द्वारा विपक्षी दलों से राजनीतिक बदला लेना सिलसिला जारी है। बहरैन सरकार ने हाल ही शेख़ सलमान पर क़तर के साथ मिलकर साज़िश रचने का आरोप लगया था।
आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा बलों ने "अलजव सेंट्रल जेल" में बंद क़ैदियों की बैरेक में इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी कर रहे श्रद्धालुओं पर हमला करके कई लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है।
बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन द्वारा शिया मुसलमानों के दमन का क्रम जारी है जिसका एक उदाहरण रविवार को देखने को मिला जब इमाम हुसैन (अ) के श्रद्धालुओं पर सुरक्षा बलों ने हमला करके कई को घायल कर दिया।
बहरैन में राजनैतिक क़ैदियों की भूख हड़ताल के समर्थन में देश भर में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।
बहरैन के आले ख़लीफ़ा शासन की कठपुतली अदालत ने एक बार फिर 26 बहरैनी नागिरकों के ख़िलाफ़ एक अन्यायपूर्ण फ़ैसला सुनाते हुए उनकी नागरिकता रद्द कर दी है।
बहरैन के धर्मगुरूओं के संगठन ने जनता का आह्वान किया है कि वरिष्ठ धर्मगुरू शेख ईसा क़ासिम के समर्थन में वह सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन करे।
बहरैन के न्यायालय ने रविवार की सुबह इस देश के वरिष्ठ धर्मगुरू शेख ईसा क़ासिम को सज़ा सुनाई है।
बहरैन के 14 फरवरी नामक जनान्दोलन ने आले ख़लीफ़ा शासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि वरिष्ठ धर्मगुरू ईसा क़ासिम के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही के ख़तरनाक परिणाम निकलेंगे।
बहरैन के आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षाबलों ने राजधानी मनामा में स्थित एक स्कूल पर अचानक हमला करके गोलीबारी कर दी है।
बहरैन की संसद ने इस देश के संविधान में परिवर्तन करते हुए इस बात की अनुमति दे दी है कि सैनिक न्यायालय में आम लोगों पर मुक़द्दमा चलाया जा सकता है।