Pars Today
बहरैन के आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा कर्मियों ने एक और शिया मुस्लिम युवक को गोलियों से भूनकर शहीद कर दिया है।
बहरैन के अलबिलाद अलक़दीम क़स्बे के निवासियों ने जनता से मंगलवार को नागरिक अवज्ञा की अपील की है। इस क़स्बे के लोगों ने व्यापारिक केन्द्रों व प्रतिष्ठानों की दीवारों पर पोस्टर द्वारा जनता से हड़ताल व नागरिक अवज्ञा की अपील की है।
बहरैन के आले ख़लीफ़ा शासन ने तीन बहरैनी शहीदों के अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी है।
बहरैन में जनक्रान्ति की छठी वर्षगांठ से पहले राजनैतिक विरोध के स्वर को दबाने के लिए शासन की दमनकारी कार्यवाही की निंदा में एक बार फिर जनता सड़कों पर आयी।
बहरैनी जनता ने एक बार फिर इस देश के वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम के समर्थन में विशाल प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने आले ख़लीफ़ा के सैनिकों के हाथों शहीद हुए लोगों के ख़ून का बदला लेने का संकल्प दोहराया।
बहरैन में वरिष्ठ धर्मगुरु शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे की कार्यवाही से जनता में व्याप्त आक्रोश के बीच इस देश की अदालत उनके ख़िलाफ़ 12 फ़रवरी को मुक़द्दमे की सुनवाई करेगी।
बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन की हिंसक नीति के परिणाम
बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन के सैनिकों ने सार इलाक़े में लोगों के घरों पर धावा बोलकर, 5 आम नागरिकों को गिरफ़्तार कर लिया है।
बहरैनी शासन की ओर से 3 कार्यकर्ताओं को 2014 के बम हमले में कथित रोल पर सुनायी गयी मौत की सज़ा के फ़ैसले पर जनता के आक्रोश के बावजूद, इस शासन ने उन्हें मौत की सज़ा दे दी।
बहरैन में वरिष्ठ शिया धर्मगुरु शैख़ ईसा क़ासिम के समर्थन और इस देश में प्रजातंत्र की स्थापना के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं के जारी दमन के ख़िलाफ़ जनता का प्रदर्शन जारी है।