सुरक्षा परिषद का बयान अतिवादी है, यमन
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यमन की उच्च राजनीतिक परिषद ने सुरक्षा परिषद के बयान को अतिवादी बताते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बयान यमनी लोगों की मांगों के अनुरूप नहीं है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Oct ०६, २०२२ १९:११ Asia/Kolkata
  • सुरक्षा परिषद का बयान अतिवादी है, यमन

यमन की उच्च राजनीतिक परिषद ने सुरक्षा परिषद के बयान को अतिवादी बताते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बयान यमनी लोगों की मांगों के अनुरूप नहीं है।

अलमसीरा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़, यमन की उच्च राजनीतिक परिषद के सदस्य मुहम्मद अली अलहौसी ने कहा कि सुरक्षा परिषद का बयान चरमपंथी है और यमनी लोगों की मांगों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग अमानवीय घेराबंदी ख़त्म करने, यमनी राष्ट्र को उसका अधिकार दिलाने और हवाई अड्डों को फिर से खोले जाने से ज़्यादा नहीं है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमनी लोगों की समस्याओं और उनकी मांगों पर कोई ध्यान दिए बिना रचनात्मक वार्ता में यमन की राष्ट्रीय सरकार की भागीदारी की मांग की है।

वहीं इससे पहले, यमन की उच्च राजनीतिक परिषद के प्रमुख, मेहदी अलमिशात ने कहा था कि सऊदी गठबंधन में शामिल हमलावर देशों ने यमन को सात वर्षों के दौरान बर्बर और पाशविक हमलों का निशाना बनाया और हज़ारों बेगुनाह यमनियों को मौत की नींद सुला दी, लेकिन इतने अत्याचारों के बावजूद हमलावर अपने किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सके। वहीं यमनी सशस्त्र बलों और स्वयंसेवियों द्वारा किए गए प्रतिरोध और की गई जवाबी कार्वाही एवं मिसाइल हमलों की बढ़ती रक्षा शक्ति के बाद स्वयं हमलावरों को संघर्ष विराम के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन उन्होंने युद्धविराम समझौते को कभी लागू नहीं किया। (RZ)

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