फांसीवादी और रक्त पिपासु ज़ायोनी शासन को रोकने के लिए किए गये सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों पर एक नज़र
(last modified Sun, 21 Jul 2024 05:30:19 GMT )
Jul २१, २०२४ ११:०० Asia/Kolkata
  • फांसीवादी और रक्त पिपासु ज़ायोनी शासन को रोकने के लिए किए गये सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों पर एक नज़र
    फांसीवादी और रक्त पिपासु ज़ायोनी शासन को रोकने के लिए किए गये सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों पर एक नज़र

पार्सटुडे- हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माईल हनिया ने एक बैठक में कहा: वार्ता के स्थगन के बारे में जो कुछ भी कहा गया है वह ग़लत है और हमास ने प्रतिरोध द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार युद्ध को समाप्त करने के अपने प्रयास जारी रखे हैं।

लेबनान

हिज़्बुल्लाह द्वारा इस्राईल के तीन ठिकानों पर दर्जनों रॉकेट दाग़े जाने के बाद हिब्रू मीडिया ने उत्तरी बस्तियों में ज़ायोनियों के लिए एक नारकीय रात की सूचना दी।

इन हमलों के बाद, हिब्रू भाषी मीडिया ने मक़बूज़ा क्षेत्रों पर हिज़्बुल्लाह के मिसाइल हमलों की तेज़ी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए रिपोर्ट जारी की।

पार्सटुडे के अनुसार, हिजबुल्लाह ने मंगलवार शाम को तीन अलग-अलग चरणों में मक़बूज़ा क्षेत्रों में "नहारिया" और "मीरून" सहित विभिन्न क्षेत्रों पर कम से कम 80 रॉकेट दाग़े।

हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने भी बुधवार को बैरूत में आशूरा के अवसर पर ग़ज़ा के लिए अपने समर्थन पर ज़ोर दिया और उत्तरी क्षेत्रों में युद्ध का दायरा बढ़ाने के बारे में ज़ायोनियों को चेतावनी दी।

उन्होंने कहा: हम ज़ायोनी दुश्मन से कह रहे हैं कि यदि तुम्हारे टैंक लेबनान और उसके दक्षिणी क्षेत्रों की ओर आते हैं, तो आपके पास टैंकों की कमी नहीं होगी, क्योंकि आपके पास कोई भी टैंक नहीं बचेगा।

हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने इस बात पर भी ज़ोर दिया: जब तक क़ब्ज़ा करने वाला दुश्मन नागरिकों को निशाना बनाना जारी रखेगा, प्रतिरोध रॉकेट दाग़ना और नई ज़ायोनी बस्तियों को निशाना बनाना जारी रखेगा।

ऐसी स्थिति में अल जज़ीरा चैनल ने एक रिपोर्ट में एलान किया कि लेबनान के विदेशमंत्री अब्दुल्लाह बूहबीब ने एक बार फिर युद्ध का विरोध करते हुए पूरे क्षेत्र को बारूद की ओर ले जाने की बाबत चेतावनी दी और लेबनान के बारे में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के संपूर्ण कार्यान्वयन और युद्धविराम का अह्वान किया।

यमन

यमनी मीडिया ने हुदैदा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी और ब्रिटिश गठबंधन के हमलों की सूचना दी है।

ग़ज़ा पर ज़ायोनी हमले के बाद लाल सागर और बाबुल-मंदब स्ट्रेट में नौवहन की सुरक्षा के बहाने अमेरिका और इंग्लैंड ने अंसारुल्लाह आंदोलन और यमन के सशस्त्र बलों के ठिकानों को बार-बार निशाना बनाया है।

दूसरी ख़बर यह है कि यमन के "ऐनुल-इंसानिया" मानवाधिकार केंद्र ने पिछले 3 हज़ार 400 दिनों में सऊदी अरब के हमलावर गठबंधन के शहीदों और घायलों की संख्या 50408 शहीद और घायल बताई है।

इस केंद्र ने कहा कि इस दौरान 18 हज़ार 456 लोग शहीद हुए और 31 हज़ार 952 लोग घायल हुए।

फ़िलिस्तीन

फ़िलिस्तीनी मीडिया ने गुरुवार सुबह ख़बर दी कि ग़ज़ा शहर के केंद्र में स्थित अल-ज़वाएदा शहर और अल-नुसैरात कैंप को ज़ायोनी शासन सेना द्वारा भारी हमलों का निशाना बनाया गया जिसके दौरान 7 फ़िलिस्तीनी शहीद और कई अन्य घायल हो गए।

फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी समा ने भी एक रिपोर्ट में बताया कि ग़ज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनी प्रशासन के सूचना कार्यालय ने एलान किया है कि 72 दिन पहले, जब ज़ायोनी सेना ने रफ़ह क्रॉसिंग पर क़ब्ज़ा कर लिया था और युद्ध में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए विदेश भेजने से मना कर दिया जिसकी वजह से 292 घायल फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए।

उधर अमेरिकी सेना ने बुधवार को एलान किया कि उसने 230 मिलियन डॉलर की जेट्टी के ज़रिए ग़ज़ा को सहायता भेजने के मिशन को रोक दिया है।

रॉयटर्स के मुताबिक, यूएस सेंट्रल कमांड सेन्टकॉम (CENTCOM) के डिप्टी हेड "ब्रैड कूपर" ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डॉक का मिशन पूरा हो गया है इसलिए अब डॉक का इस्तेमाल करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

उधर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले एक भाषण में ग़ज़ा को सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिका के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि देश की सेना और नौसेना ने जल्द से जल्द भूमध्य सागर में फ़िलिस्तीनियों की सहायता के लिए एक अस्थायी जेटी के निर्माण की सूचना दी है।

दूसरी ओर हमास के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख इस्माईल हनिया ने क़तर में लेबनानी-फिलिस्तीनी वार्ता समिति के प्रमुख बासिल अल-हसन से मुलाक़ात की सूचना दी।

उन्होंने बताया: वार्ता के स्थगन के बारे में जो कुछ भी कहा गया है वह ग़लत है और हमास ने प्रतिरोध द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार युद्ध को समाप्त करने के अपने प्रयास जारी रखे हैं और उम्मीद है कि ग़ज़ा में जल्द से जल्द युद्धविराम का समझौता हो जाएगा।

दूसरी ख़बर यह है कि फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने बुधवार रात एक बयान में एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ज़ायोनी शासन के अपराधों के ख़िलाफ़ अपनी चुप्पी ख़त्म करने और फांसीवादी और रक्त पिपासु ज़ायोनी शासन के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सभी क़ानूनों का इस्तेमाल करने की अपील की है।

हमास ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील ऐसी हालत में की है कि तूफ़ान अल-अक़्सा ऑपरेशनकी शुरुआत के बाद से ग़ज़ा पट्टी में 38 हजार 794 लोग शहीद हो चुके हैं।

ज़ायोनी शासन

 तस्नीम समाचार एजेंसी के अनुसार, ज़ायोनी शासन के मआरिव अख़बार ने एक सर्वे कराया जिससे पता चलता है कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिन्यामीन नेतन्याहू की स्थिति पहले से अधिक जटिल हो गई है।

इस जनमत सर्वे के अनुसार, नेतन्याहू को दक्षिणपंथी समर्थकों के बीच गंभीर गिरावट का सामना करना पड़ा है। यह सर्वे बताता है कि नेतन्याहू अब तीन मोर्चों पर दबाव में हैं जिनमें विपक्ष, दक्षिणपंथी समर्थकों के वोट खोने और उन लोगों के वोट हाथ से जाने की ओर इशारा किया जा सकता है जो अभी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रति वफादार हैं।

उधर, इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के प्रमुख डेविड बार्निया ने बुधवार रात कहा कि नेतन्याहू की ओर से नई शर्तों पर अड़े रहने की वजह से हमास के साथ बातचीत नाकाम हो जाएगी। बार्निया ने जल्द से जल्द प्रतिरोध आंदोलन के साथ क़ैदियों की अदला-बदली की मांग की

इराक़

इराक़ के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन ने मक़बूज़ा क्षेत्रों के दक्षिण में ईलात की बंदरगाह पर हमले के बारे में एक बयान जारी किया और घोषणा की: यह ड्रोन हमला फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की मदद के लिए और ज़ायोनी शासन के अपराधों के जवाब में किया गया था।

 

कीवर्ड्ज़: पश्चिम एशिया के समाचार, ग़ज़ा युद्ध, फ़िलिस्तीन कहां है, प्रतिरोध की शक्ति (AK)

 

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