वाशिंग्टन गुट के अनौपचारिक दस्तावेज़ को कदापि स्वीकार नहीं करेंगेः बश्शार जाफ़री
(last modified Sat, 27 Jan 2018 15:41:27 GMT )
Jan २७, २०१८ २१:११ Asia/Kolkata
  • वाशिंग्टन गुट के अनौपचारिक दस्तावेज़ को कदापि स्वीकार नहीं करेंगेः बश्शार जाफ़री

सीरियाई सरकार के प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष बश्शार जाफ़री ने कहा है कि वह वाशिंग्टन गुट के अनौपचारिक दस्तावेज़ को कदापि स्वीकार नहीं करेंगे।

वाशिंग्टन गुट में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सऊदी अरब और जार्डन शामिल हैं। सीरिया संकट के समाधान के संबंध में वियना में जो वार्ता हो रही थी वह किसी परिणाम के बिना समाप्त हो गयी और उसकी समाप्ति पर एक प्रेस कांफ्रेन्स में बश्शार जाफ़री ने कहा कि राजनीतिक ढंग से सीरिया संकट के समाधान के लिए जो प्रयास हो रहे हैं वाशिंग्टन गुट उसे समाप्त कर देना चाहता है।

सीरिया के संबंध में होने वाले परिवर्तन इस बात के सूचक हैं कि आतंकवादी गुट दाइश के बाद सीरिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय षडयंत्रों में और वृद्धि हो गयी है।

कुछ पश्चिमी राजनेता क्षेत्र के कुछ अरब शासकों के सहयोग से कूटनयिक ढंग से अपने षडयंत्रों को आगे बढ़ाने की चेष्टा में हैं। क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस विषय से चिंता उत्पन्न हो गयी है।

रूस के पूर्व कूटनयिक व विशेषज्ञ विचस्लाव माताज़ोफ का कहना है कि वाशिंग्टन गुट के माध्यम से कुछ पश्चिमी शक्तियां सीरिया की सीमा पर सेना तैनात करने की चेष्टा में हैं और यह सीरिया के विभाजन का पहला क़दम है।

उन्होंने बल देकर कहा कि हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिये कि अमेरिकी दृष्टिकोण के पीछे इस्राईली दृष्टिकोण है।

प्रत्येक दशा में हम जानते हैं कि नये और वृहत्तर मध्यपूर्व का विषय ट्रम्प के काल से सीमित नहीं है और यह विषय अमेरिका की पूर्व विदेशमंत्री कोन्डो लीज़ा राइस ने भी पेश किया था।

अमेरिका और जायोनी शासन की एक नीति मध्यपूर्व के देशों का बंटवारा है। इस संबंध जो बातें प्रकाशित हुई हैं वह इस बात की सूचक हैं कि इसके लिए इराक और सीरिया को मुख्य रूप से लक्ष्य बनाया गया है।

बहर हाल इस समय पश्चिम की वर्चस्वादी शक्तियां क्षेत्र के अरब शासकों और आतंकवादी गुटों के समर्थन से जातीय और धार्मिक मतभेदों को हवा देकर एक दूसरे तरीके से मध्यपूर्व के मानचित्र को परिवर्तित करना चाहती हैं।

इस परिवर्तन का लक्ष्य भी ग़ैर कानूनी जायोनी शासन की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना और क्षेत्रीय जनता को कभी न समाप्त होने वाले जातीय और साम्प्रदायिक युद्ध में फंसा देना है। MM

 

 

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