अमेरिका यमन में युद्ध की समाप्ति नहीं चाहता हैः अलहौसी
(last modified Sun, 09 Sep 2018 14:22:48 GMT )
Sep ०९, २०१८ १९:५२ Asia/Kolkata
  • अमेरिका यमन में युद्ध की समाप्ति नहीं चाहता हैः अलहौसी

यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रमुख अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अलहौसी ने जनेवा वार्ता के स्थागित होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, अमेरिका यह नहीं चाहता है कि यमन में युद्ध समाप्त हो।

यमन के क्रांतिकारी जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रमुख अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा कि जनेवा शांति वार्ता में अंसारुल्लाह के वार्ताकारों के प्रतिनिधिमंडल को सऊदी अरब और अमेरिका ने जानबूझकर रोका और एक बार फिर शांति के रास्ते में यह दोनों देश रुकावट बनें। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि अचानक अंसारुल्लाह के वार्ताकारों को रोक लिया गया, बल्कि यह एक सोची समझी साज़िश है और जिसका उद्देश्य केवल यह है कि अमेरिका नहीं चाहता है कि यमन में युद्ध समाप्त हो। अलहौसी ने कहा कि यमन युद्ध से अमेरिका जहां राजनीतिक फ़ायदा उठाने का प्रयास कर रहा है वहीं उसे इस युद्ध से बहुत ही ज़्यादा आर्थिक लाभ भी पहुंच रहा है।

अंसारुल्लाह आंदोलन के प्रमुख ने कहा कि अमेरिका ने अपने सहयोगियों के माध्यम से यमन पर युद्ध थोपा है ताकि वह इस युद्ध के बहाने अपने उस सपने को साकार कर सके जिसको वह वर्षों से देख रहा है। उन्होंने कहा कि यमनी जियाले, अमेरिका के मध्यपूर्व पर क़ब्ज़े के सपने को एक बार फिर चकनाचूर कर देंगे। याद रहे कि अमेरिका के समर्थन से बने सऊदी गठबंधन ने पिछले सप्ताह इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन अंसारुल्लाह के प्रतिनिधिमंडल को सनआ एयरपोर्ट से जनेवा में होने वाले शांतिवार्ता में भाग लेने की इजाज़त नहीं दी जिसके कारण जनेवा वार्ता को स्थागित करना पड़ा।

ज्ञात रहे कि जेनेवा शांति वार्ता में भाग लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ पूर्ण समन्वय और तैयारी के बावजूद अतिक्रमणकारी सऊदी गठबंधन ने अंसारुल्लाह के प्रतिनिधिमंडल को जेनेवा ले जाने वाले ओमान एयर के विमान को सनआ हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद इस शांति वार्ता को स्थागित करना पड़ा था। अब तक यमन संकट के लिए जो भी वार्ता हुई है सऊदी अरब की युद्धोन्मादी नीतियों के कारण वह विफल हो गई है। (RZ)

 

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