सीरिया के मामले से दि मिस्तूरा की ज़िम्मेदारी समाप्त
(last modified Fri, 21 Dec 2018 11:49:39 GMT )
Dec २१, २०१८ १७:१९ Asia/Kolkata

सीरिया के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत स्टीफ़न दि मिस्तूरा ने सुरक्षा परिषद में अपनी आख़िरी रिपोर्ट पेश करके आधिकारिक रूप से अपनी ज़िम्मेदारियों की समाप्ति की घोषणा कर दी ।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने अब तक सीरिया के मामले में तीन राजदूत निर्धारित किए हैं। सीरिया के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के पहले दूत कूफ़ी अन्नान थे जो संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव भी थे। कूफ़ी अन्नान फ़रवरी 2012 से अगस्त 2012 तक केवल छह महीने ही इस पद पर रहे और उसके बाद सीरिया के बारे में शांति योजना के विफल होने के बाद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि कूफ़ी अन्नान ने त्याग पत्र के बाद इस सवाल के जवाब में कि उनका उतराधिकारी कौन होगा या उनकी जगह कौन आएगा, कटाक्ष करते हुए कहा था कि यह काम करने के लिए दुनिया में मूर्ख बहुत हैं।

सीरिया के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के दूसरे राजदूत इब्राहीम अख़ज़र थे जिन्होंने 2012 से 2014 तक यह ज़िम्मेदारी अदा की किन्तु उनके कार्यकाल में सीरिया संकट और भी गहरा गया और सीरिया संकट के बारे में श्री इब्राहीमी के किसी भी प्रयास का कोई परिणाम नहीं निकला।

उसके बाद स्टीफ़न डि मिस्तूरा ने इब्राहीमी का स्थान लिया और आख़िरकार उन्होंने भी त्यागपत्र दे दिया। डि मिस्तूरा ने लगभग साढ़े चार वर्ष अपनी ज़िम्मेदारियां अदा कीं किन्तु उनके प्रयासों का सीरिया संकट के कम होने पर कोई असर नहीं हुआ बल्कि इसके परिणाम में सीरिया यकी सेना और उसके घटकों के आतंकवाद से संघर्ष का संकल्प तथा ईरान, रूस और तुर्की के कूटनयिक प्रयास और अधिक मज़बूत हुए।

पिछले चार साल के दौरान सीरिया में आतंकवादियों को निरंतर पराजय का सामना करना पड़ा है और अब सीरिया का केवल एक छोटा सा ही भाग आतंकवादियों के नियंत्रण में है। इसके साथ तेहरान, मास्को और अंकारा के कूटनयिक प्रयास भी जारी हैं और अब तक बहुत सी राजनैतिक समस्याओं का हल हो चुका है। (AK)

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