Nov १५, २०२१ ०१:०२ Asia/Kolkata
  • अफ़ग़ानिस्तान में टिकाऊ शांति लोगों की भागीदारी के बिना संभव नहीं हैः हामिद करज़ई

अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि दाइश एक आयातित चीज़ है।

हामिद करज़ई ने कहा कि काबुल, कुन्दूज़ और कन्धार की हालिया आतंकवादी घटना अफगानिस्तान की शांति के खिलाफ दाइश नाम का एक षडयंत्र था और दाइश एक आयातित चीज़ है जो अफगानिस्तान की संस्कृति और इतिहास से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है। हामिद करज़ई ने बल देकर कहा कि हमारे देश की विषम स्थिति और हालिया आतंकवादी घटनायें इस बात की सूचक हैं कि इस देश में शांति व सुरक्षा स्थापित होने से अभी हम दूर हैं।

अफगानिस्तान के हालिया परिवर्तनों और इस देश में व्यापक सरकार के गठन के संबंध में एक वेबिनार हुआ था जिसमें हामिद करज़ई ने कहा कि अतिवाद के कारण आज इस्लामी जगत को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना है और कुछ यह बताने की चेष्टा में हैं कि धर्म दुश्मनी, हत्या और मित्थ्या कारण है।

उन्होंने कहा कि काबुल, कुन्दूज़ और कंधहार में होने वाली आतंकवादी घटनायें दाइश के नाम पर अंजाम दी गयी और हमारे लोगों के दिलों को दुःखी कर दी और अफगानिस्तान में अशांति जारी रखने के विदेशियों का षडयंत्र था। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में होने वाली घटनाओं पर अच्छी तरह नज़र डालें तो स्पष्ट हो जायेगा कि अफगानिस्तान और गत चालिस वर्षों के दौरान विशेषकर इस्लामी जगत में होने वाले मामलों व समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है या उनके साथ भेदभाव से काम लिया गया है।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सब जानते हैं कि विदेशी शक्तियों के हस्तक्षेप के कारण लंबे समय तक अफगानिस्तान रक्ति रंजित युद्धों का साक्षी रहा है और अफगानी जनता व राष्ट्र को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अफगान समस्या का समाधान इस देश के लोगों के साथ विचार विमर्श से संभव है क्योंकि अफगानिस्तान  में राजनीतिक और टिकाऊ शांति लोगों की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। MM

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