Apr ०९, २०२२ १०:०६ Asia/Kolkata
  • परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका ने फिर दिखाया अपना असली चेहरा, तकफ़ीरी आतंकियों के लिए फिर झलका वॉशिंग्टन का प्यार!

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता ने एक बार फिर इस बात पर बल दिया है कि वियना में ईरान के साथ जारी वार्ता में परमाणु समझौता न ही सुनिश्चित है और न ही नज़दीक।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिका ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दुनिया के सामने दिखाते हुए परमाणु समझौते के बारे में कहा है कि वियना ने जारी वार्ता का अर्थ यह न निकाला जाए कि ईरान के साथ परमाणु समझौता सुनिश्चित है या नज़दीक है। ग़ौरतलब है कि ईरान पर लगे अमरीका के ग़ैर क़ानूनी प्रतिबंधों को हटवाने के उद्देश्य से विश्व शक्तियों के साथ 27 दिसम्बर 2021 को आठवें दौर की वार्ता शुरू हुई है जो 11 मार्च 2022 को यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी जोसेफ बोरेल के प्रस्ताव पर सलाह मशविरे के लिए रुकी है और वार्ताकार अपनी अपनी राजधानियों को लौटे हैं। उस समय के बाद से दोनों पक्षों ने वार्ता में प्रगति और मतभेद के मुद्दों के कम होने की बात कही लेकिन समझौते की गैरेंटी का विषय और ईरान के अधिकारियों, संस्थाओं और कंपनियों को पाबंदियों की लिस्ट से निकालने का मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है।

परमाणु समझौते के संबंध में ट्रम्प की नीतियों को आगे बढ़ाते बाइडन

इस बीच फ़ार्स समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता जलीना पोर्टर ने शुक्रवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वाशिंग्टन इस बात पर बल देता है कि वियना में जारी वार्ता का बिल्कुल भी यह अर्थ न निकाला जाए कि ईरान के साथ परमाणु समझाता निश्चित है या फिर नज़दीक है। उन्होंने कहा कि अभी कई अहम मुद्दे हैं कि जिसपर विचार विमर्श जारी है। जलीना पोर्टर ने बताया कि अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिली ने कहा है कि इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड का नाम, अमेरिका द्वारा बनाई गई कथित आतंकवादी गुटों की सूचि, से निकाला जाना सही नहीं रहेगा। जलीना पोर्टर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी जनरल मार्क मिली के दृश्टिकोण से सहमत हैं।

इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल आईआरजीसी के जवान परेड करते हुए

उल्लेखनीय है कि 8 अप्रैल वर्ष 2019 को अमेरिका की तात्कालीन ट्रम्प सरकार ने एक ग़ैर क़ानूनी कार्यवाही करते हुए आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड को कथित आतंकवादी गुटों की लिस्ट में शामिल कर लिया था और आईआरजीसी पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। याद रहे कि आईआरजीसी ने अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित तकफ़ीरी आतंकवादी गुटों को पराजित करने में सबसे अहम भूमिका निभाई है। आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड ने तकफ़ीरी आतंकवादी गुटों के ख़िलाफ़ अभियान इराक़ और सीरिया के आधिकारिक निमंत्रण पर आरंभ किया है। आज दुनिया के सबसे ख़ूंखार आतंकवादी गुटों को पराजित करने में आईआरजीसी की सबसे अहम भूमिका है, यही कारण है कि इन आतंकवादी गुटों के जन्मदाता अमेरिका और इस्राईल आईआरजीसी की आतंकवादियों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों से ख़ुश नहीं हैं। (RZ)  

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