ऑस्ट्रेलिया में जीतने वाले प्रधानमंत्री की क्या है ख़ास बात?
ऑस्ट्रेलिया में आम चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। इस चुनाव में प्रधानमत्री स्कॉट मॉरिसन की पार्टी को करारी हार मिली है और लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीज़ ने जीत हासिल की है।
ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक गलियारों में एंथनी अल्बनीज़ कोई नया नाम नहीं हैं वे चुनाव से पहले लंबे समय तक विपक्ष के मुख्य नेता थे। एंथनी अल्बनीज दो बार भारत की यात्रा भी कर चुके हैं और अपने चुनाव प्रचार अभियान में भी भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूत बनाने और रणनीतिक साझेदारी पर जोर देने का वादा किया था।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओफरेल ने बताया है कि अल्बनीज़ भारत से अनजान नहीं हैं। वह 1991 में एक बैक-पैकर की तरह भारत भ्रमण कर चुके हैं। वहीं 2018 में एक संसदीय दल की अगुवाई करते हुए भारत आए थे। इतना ही नहीं जहां एक तरफ स्कॉट मॉरिसन ने अपने प्रचार में भारतीय मूल के वोटरों को कई तरीके से लुभाने की कोशिश की थी तो वहीं एंथनी अल्बनीज ने मजबूत भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों और रणनीतिक साझेदारी पर ज़ोर दिया था।
दो मार्च 1963 को एंथनी अल्बनीज़ का जन्म ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में ईसाई परिवार में हुआ। उन्हें बताया गया था कि उनके पिता की मौत हो गई है और उनकी परवरिश आयरिश-ऑस्ट्रेलियाई मूल की मां ने की। एंथनी जब 14 साल के थे तो उनकी मां ने बताया कि उनके पिता ज़िंदा है। उनकी मां की पिता के साथ कभी शादी ही नहीं हुई थी। फिलहाल कमजोर आर्थिक हालत के बीच एंथनी राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए और कई आंदोलनों में भाग लेने लगे।
वैसे तो ऑस्ट्रेलिया के इस आम चुनाव में छह प्रत्याशी पीएम पद की रेस में थे लेकिन मुख्य मुकाबला मॉरिसन और अल्बनीज़ के बीच ही था। मॉरिसन 2019 के चुनाव में भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाए थे और छोटी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इस बार हुए चुनाव में क्लाइमेंट चेंज बड़ा मुद्दा रहा था। जंगलों में लगी आग और बाढ़ को लेकर मॉरिसन सरकार घिरती रही।
मॉरिसन ने अंतिम चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली। मॉरिसन ने मीडिया को बताया कि रात को मैंने विपक्ष के नेता और आने वाले प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से बात की है और मैंने उन्हें उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी है। मॉरिसन ने यह भी कहा कि वे अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हैं और वह लिबरल पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी और देश का नेतृत्व करने का मौका मिला, इसके लिए वह सभी को धन्यवाद देते हैं। (AK)
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