विभिन्न देशों में हमने विद्रोह करवाएः जाॅन बोलटन
(last modified Wed, 13 Jul 2022 11:43:52 GMT )
Jul १३, २०२२ १७:१३ Asia/Kolkata

अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जाॅन बोलटन ने यह बात स्वीकार की है कि उनके काल में दूसरे देशों  में विद्रोह कराने की योजनाएं उनके पास थीं।  उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य देशों में विद्रोह कराने के लिए मैंने अपने कार्यकाल में सहायता की है किंतु यह थोड़ा जटिल काम है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समय में इस देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर आसीन रहे जाॅन बोल्टन ने अपने कार्यकाल में विश्व के कई देशों विशेषकर पश्चिमी एशिया और लैटिन अमरीका के देशों के विरुद्ध कई बार हस्तक्षेपपूर्ण कार्यवाहियां अंजाम दीं।

बोल्टन ने ईरान और उत्तरी कोरिया के विरुद्ध अमरीकी की सैन्य कार्यवाही का समर्थन किया था।  इसी प्रकार से वे इराक़ पर अमरीका के सैन्य आक्रमण के प्रबल समर्थक रहे हैं।  जाॅन बोल्टन के कार्यकाल में ही ईरान तथा लैटिन अमरीकी देशों के विरुद्ध अधिक दबाव की नीति निर्धारित की गई।  इस दौरान ईरान के अतिरिक्त वेनेज़ोएला, क्यूबा तथा बुलीविया के विरुद्ध दबाव बढाने का काम तेज़ कर दिया गया।

बोल्टन ने क्यूबा, वेनेज़ोएला और निकारागुआ को तानाशाही का त्रिकोंण बताया था।  उन्होंने कहा था कि इन तीनों के विरुद्ध प्रतिबंधों को बढ़ाया जाए।  उनके ही कार्यकाल में बुलीविया में विद्रोह करवाया गया था जिसके कारण वहां के राष्ट्रपति की सत्ता चली गई थी।

सितंबर 2018 में सत्ता जाने से पहले बुलिविया के राष्ट्रपति ने सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा था कि अमरीका अगर लोकतंत्र का समर्थन करता है तो फिर वह दूसरे देशों में विद्रोहियों की हर प्रकार से सहायता क्यों करता है।

वेनेज़ोएला में भी अमरीका ने इसी प्रकार का काम किया था।  वहां पर मादूरो की सरकार को गिरा दिया गया था।  जान बोलटन के कामों की निंदा करते हुए वेनेज़ोएला के उद्योग मंत्री ने उनको सबसे बड़ा झूठा कहा था।  उन्होंने कहा था कि बोल्टन ने वेनेज़ोएला की जनता को बहुत नुक़सान पहुंचाया है।

हालांकि अपने विरोधियों को रास्ते से हटाने के लिए अमरीकी नीति काफी पहले से मौजूद रही है किंतु ट्रम्प के सत्ताकाल में जाॅन बोल्टन और अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माइक पोम्पियों के माध्यम से इस काम को तेज़ी से बढ़ाया गया।  इसी नीति के चलते लैटिन अमरीकी देशों पर दबाव को अधिक बढ़ाने का काम हुआ।  अब जाॅन बोल्टन ने न केवल दूसरे देशों में विद्रोह करवाने के लिए अमरीकी योजना का रहस्योद्घाटन किया है बल्कि यह भी कहा है कि अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी 6 जनवरी 2021 को देश में विद्रोह का प्रयास किया था।

कितने खेद की बात है कि वह देश जो स्वयं को पूरे विश्व में लोकतंत्र और स्वतंत्रता का ध्वज वाहक बताता है वह स्वयं ही लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने में लगा हुआ है।

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