लीबिया से ग़ाएब हुआ 2.5 टन यूरेनियमःआईएईए
अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी का कहना है कि लीबिया में एक क्षेत्र से लगभग 2.5 टन यूरेनियम ग़ाएब हो गया है।
रोएटर्ज़ के अनुसार एक गोपनीय रिपोर्ट में आईएईए के महासचिव राफेल ग्रोसी ने इस एजेन्सी के सदस्य देशों और वहां के निरीक्षको को सूचित किया है कि लगभग 2.5 टन के यूरेनियम के दस ड्रम, उस स्थान से ग़ाएब हो गए जहां पर थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी जांच का काम आरंभ किया जाएगा हालांकि उस स्थान के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। याद रहे कि लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर क़ज़्ज़ाफ़ी ने 1970 में ताजूरा बिजलीघरी के लिए रूस से 10 मेगावाट के शोध रिएक्टर की ख़रीदारी की थी। बाद में सन 1982 में अमरीका ने लीबिया को उन देशों की सूचि में रख दिया था जो परमाणु क्षेत्र में सक्रिय थे। इस प्रकार से उसने लीबिया के साथ हर प्रकार की वैज्ञानिक सहकारिता और यूनिवर्सिटी के स्तर के सहयोग को समाप्त कर दिया था।
हालांकि लीबिया ने एनपीटी पर हस्ताक्षर कर दिये थे किंतु इसके बावजूद अमरीका और पश्चिम के दबाव से तंग आकर लीबिया के तत्कालीन शासक क़ज़्ज़ाफ़ी ने इससे बचने के लिए परमाणु गतिविधियां रोकने और अपनी मिसाइल क्षमता को समाप्त करने पर सहमति देदी थी।
लीबिया की सेना के निशस्त्रीकरण के बाद पश्चिमी देशों ने सन 2011 को लीबिया पर हमला कर दिया। कर्नल मुअम्मर क़ज़्ज़ाफ़ी की सरकार गिरने और उसकी हत्या के बाद से लीबिया में अबतक अशांति बनी हुई है।
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