क्या शरणार्थियों के मुद्दे पर भिड़ जाएंगे यूरोपीय देश...
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से जहां राजनीतिक और आर्थिक संकट उभर के सामने आ रहे हैं वहीं असुरक्षा और भोजन की कमी में वृद्धि भी हो रही है और यूरोपीय देशों की ओर शरणार्थियों का नया रेला शुरु हो गया है।
इस बीच, इटली जैसे देश ने जो शरणार्थियों के मुख्य ठिकाने हैं, सख़्ती बढ़ा दी है और कुछ मामलों में तो उसने अपनी सीमाओं को भी बंद कर दिया।
शरणार्थियों के मुद्दे ने यूरोपीय नेताओं के बीच मतभेदों की खाई और भी चौड़ी कर दी। फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डर्मैनन ने एक तीखे और तनावपूर्ण बयान में कहा कि इटली की प्रधान मंत्री जॉर्जिया मेलोनी अपने देश शरणार्थी समस्याओं को हल करने में असमर्थ हैं।
उन्होंने इस बात की ओर इशार करते हुए कि इटली एक गंभीर शरणार्थी संकट का सामना कर रहा है, कहा कि श्रीमती मेलोनी की सरकार जो दक्षिण पंथी है जिसे उनके दोस्तों द्वारा चुना गया था और इसके चयन में कट्टरपंथी दक्षिणपंथी फ़्रांसीसी पार्टी "नेशनल असेंबली" की नेता मरीन ले पेन शामिल थीं, पलायन संकट का समाधान नहीं कर पा रही है।
इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने इन बयानों को अस्वीकार्य बताया और प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि उन्होंने फ्रांस की अपनी पूर्व नियोजित यात्रा रद्द कर दी है।
पलायनकर्ताओं के मुद्दे पर फ्रांस और इटली के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है और अब और भी गहरा गया है, विशेष रूप से क्षिणपंथी मेलोनी सरकार के इटली में सत्ता में आने के साथ, शरणार्थी को स्वीकार करने पर विवाद बढ़ गया है।
कुछ समय पहले ही इटली में मेलोनी की दक्षिणपंथी सरकार ने उन प्रवासियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी जिन्हें भूमध्य सागर में एक जहाज़ से डूबने से बचाया गया था।
200 से अधिक प्रवासियों के साथ कई दिनों तक भटकने के बाद, "ओशन वाइकिंग" नामक का यह जहाज़ आखिरकार फ़्रांस के टूलॉन सैन्य बंदरगाह पहुंचा। इतालवी सरकार की कार्रवाई ने फ्रांसीसी अधिकारियों को नाराज़ कर दिया और दोनों पड़ोसियों के बीच पहले से ही ख़राब संबंध और भी ख़राब और तनावग्रस्त हो गये।
शरणार्थी इटली की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक हैं। इस देश ने जो अब गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, शरणार्थियों को स्वीकार करने की शर्तों को बहुत कठिन बना दिया है। शरणार्थी के मुद्दे में इतालवी अधिकारियों, विशेष रूप से वर्तमान दक्षिणपंथी सरकार को अन्य यूरोपीय देशों के साथ एक गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
फ़्रांसीसी समाचार पत्र फिगारो के मुताबिक, 2023 की शुरुआत से अब तक 42 हज़ार 400 से ज्यादा लोग नाव ज़रिए अवैध रूप से इटली पहुंचे हैं। जबकि पिछले साल और इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा केवल लगभग 11 हजार 200 लोगों का था।
अब शरणार्थियों लेकर इटली और फ्रांस के बीच राजनीतिक तनाव तेज़ हो गया है। इस बीच, इन राजनीतिक तनावों के मुख्य शिकार अभी भी वे शरणार्थी हैं जो अपनी गंभीर राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों से बचने की उम्मीद में यूरोप जाते हैं। शरणार्थी मामलों के विशेषज्ञ गेराल्डिन मूर का कहना है कि शरणार्थी दुनिया में सबसे कमज़ोर और सबसे आसान हथकंडा हैं। (AK)
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