Aug २६, २०२३ १८:५० Asia/Kolkata
  • नाइजर ने फ्रांसीसी राजदूत वापस लौटाया, अमेरिका और जर्मनी के एम्बेसडर को भी मिली चेतावनी, चरम पर पहुंचा तनाव

नाइजर ने फ्रांस के राजदूत को निष्कासित कर दिया है। नाइजर की सैन्य सरकार ने कहा है कि फ्रांसीसी राजदूत सिल्वेन इट्टे को 48 घंटों के भीतर उनका देश छोड़ना होगा।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, नाइजर लंबे समय तक फ्रांस का उपनिवेश रहा है। आज़ादी के बाद से नाइजर में बनी लगभग हर सरकार फ्रांस की क़रीबी रही है। इस बीच 26 जुलाई को नाइजर की सेना ने सैन्य तख़्तापलट कर देश की सत्ता को अपने हाथों में ले लिया। इसके बाद से ही नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ोम को नज़रबंद कर दिया गया है। उधर, अमेरिका के समर्थन वाले इकोवास और अफ़्रीक़ी संघ ने नाइजर के ख़िलाफ़ सैन्य एक्शन की धमकी दी है। इस बीच पड़ोसी देश बुर्किना फासो और माली में हुए हाल के तख़्तापलट की तरह नाइजर में भी सैन्य विद्रोह फ्रांस विरोधी भावना के बढ़ती लहर के बीच हुआ। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि फ्रांस की सरकार उनके देश के आंतरिक मामलों में अधिक दखल दे रही है। इसके बाद से पूरे देश में फ्रांस विरोधी भावनाएं चरम पर पहुंच गईं। नाइजर में तख़्तापलट के बाद बड़ी संख्या में फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों को भी देखा गया, जहां लोग फ्रांसीसी झंडे को जलाते नज़र आए। इन प्रदर्शनों में रूसी और चीनी झंडा भी दिखाई दिया, जिसे लोगों ने अपने हाथों में थाम रखा था।

इस बीच नाइजर की सैन्य सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने का निर्णय फ्रांसीसी सरकार की कार्यवाहियों की प्रतिक्रिया है, जो नाइजर के हितों के विपरीत थीं। इसमें कहा गया है कि इनमें नाइजर के नए विदेश मंत्री से मिलने के निमंत्रण का जवाब देने से राजदूत का इनकार भी शामिल है। फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। सोशल मीडिया पर नाइजर विदेश मंत्रालय का एक और बयान शेयर किया जा रहा है, जिसमें अमेरिकी राजदूत और जर्मन राजदूत को भी देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। (RZ)

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