क़रेबाग़ की स्थति को लेकर गुटेरस बेचैन
राष्ट्रसंघ के महासचिव ने क़रेबाग़ की वर्तमान स्थति पर चिंता जताई है।
19 सितंबर 2023 से क़रेबाग़ क्षेत्र में फिर से सैन्य तनाव बढ़ गया है। क़रेबाग़ में कुछ दिन की झडपों के बाद आर्मीनिया के सैनिकों ने उस संघर्षविराम का समर्थन किया है जिसका प्रस्ताव रूस के शांति सैनिकों ने दिया था।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव गुटेरस ने आज़रबाइजान गणराज्य के विदेशमंत्री के साथ भेंट में कहा था कि क्षेत्र में एक दीर्धकालीन शांति की स्थापना के लिए राष्ट्रसंघ मध्स्थता के अपने सारे प्रयास करेगा। इस भेंटवार्ता में आज़रबाइजान गणराज्य के विदेशमंत्री आरारात मीरज़ूयान ने कहा कि समस्त अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं विशेषकर संयुक्त राष्ट्रसंघ को क़रेबाग़ के मुद्दे पर निकट से नज़र रखनी चाहिए।
इसी बीच जैहून बाइरामूफ ने राष्ट्रसंघ की महासभा के वार्षिक अधिवेशन में अपने भाषण में कहा कि क़रेबाग़ क्षेत्र के रहने वालों के साथ बाकू, आज़रबाइजान गणराज्य के आम नागरिकों जैसा व्यवहार करता है। उन्होने कहा कि इस काम के लिए हमारे संविधान और अन्तर्राष्ट्रीय नियमों ने हमको इस काम के लिए अधिक शक्ति दी है।
ज्ञात रहे कि आर्मीनिया की सरकार ने आज़रबाइजान गणराज्य परअ हाल ही में आरोप लगाया है कि वह सैनिकों और हथियारों को सीमावर्ती क्षेत्र में स्थानांतरित कर रहा है। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों से पता चलता है कि आज़रबाइजान की सेना ने अपने हथियारों को एक-स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम शूरू कर दिया है।
यही कारण है कि आर्मीनिया के विदेश मंत्रालय ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। अपनी प्रतिक्रया में आर्मीनिया के विदेश मंत्रालय का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र क़रेबाग में रहने वाले आर्मीनियन्स के साथ आर्मीनियां का संपर्क मार्ग केवल लाचीन कारीडोर ही है जिसपर दोनो पक्षों ने सहमति जताई है। आर्मीनिया के अनुसार उसका कोई भी विकल्प नहीं है।
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए