ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम पर वीटो के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री की अपने सऊदी समकक्ष के साथ बैठक!
(last modified Sat, 09 Dec 2023 13:01:03 GMT )
Dec ०९, २०२३ १८:३१ Asia/Kolkata
  • ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम पर वीटो के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री की अपने सऊदी समकक्ष के साथ बैठक!

एक ओर अमेरिका, ग़ज़्ज़ा में अवैध आतंकी इस्राईली शासन द्वारा फ़िलिस्तीनी जनता के किए जा रहे नरसंहार का समर्थन कर रहा है और दूसरी ओर वह अरब देशों के साथ ग़ज़्ज़ा युद्ध को लेकर वार्ता भी कर रहा है। उसकी इस दोहरी नीति के कारण ग़ज़्ज़ा में हर दिन शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम लागू कराने के लिए आम सहमति से एक प्रस्ताव पेश किया था जिसको अमरीका ने वीटो कर दिया। संयुक्त अरब इमारात द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को 100 से अधिक देशों का समर्थन हासिल था।  सुरक्षा परिषद के स्थाई 15 सदस्यों में से भी 13 सदस्य इसके साथ थे किंतु अमरीका ने उसको भी पारित नहीं होने दिया। इस बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फ़रहान ने ग़ज़्ज़ा युद्ध पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ चर्चा की। इस बैठक में सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा शामिल थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान, रियाज़ और वॉशिंग्टन के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई और ग़ज़्ज़ा पट्टी और उसके आसपास के विकास पर चर्चा की गई, साथ ही सामान्य हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

ग़ज़्ज़ा में दम तोड़ती इंसानियत!

अमेरिका और सऊदी अरब के विदेशमंत्रियों की बैठक के बाद सामने आए बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के अधिकारियों ने तनाव बढ़ने की गति को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित प्रयासों पर चर्चा की कि हिंसा का विस्तार न हो ताकि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर इसके ख़तरनाक असर से बचा जा सके। फ़ैसल बिन फ़रहान ने स्थिरता और शांति प्रक्रिया की बहाली के लिए अनुकूल स्थितियां बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया कि फ़िलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकार प्राप्त हों। इस बीच जानकारों का मनना है कि अमेरिका ज़मीन पर तो पूरी तरह इस्राईल द्वारा अंजाम दिए जाने वाले अपराधों को जाएज़ ठहराने की कोशिश कर रहा है लेकिन साथ ही अपनी दोहरी नीतियों को आगे बढ़ाते हुए अरब देशों से दिखावे के लिए ग़ज़्ज़ा युद्ध के मुद्दे पर चर्चा भी जारी रखे हुए हैं। (RZ)

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