Feb ०५, २०२४ १३:२४ Asia/Kolkata
  • ग़ज़्ज़ा युद्ध हारते इस्राईल को अब अमेरिका ने भी दिया बड़ा झटका

व्हाइट हाउस ने यूक्रेन को वित्तीय और सैन्य सहायता जारी रखते हुए ज़ायोनी शासन को बड़ा झटका दिया है और 17.6 अरब डॉलर की सहायता देने वाले विधेयक को खारिज कर दिया है।

समाचार एजेंसी रशिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, अवैध आतंकी इस्राईली शासन जैसे-जैसे ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधक बलों के मुक़ाबले में युद्ध हारता जा रहा है वैसे-वैसे अमेरिका उसका साथ छोड़ता जा रहा है। रशिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने राष्ट्रीय सुरक्षा समझौते तक पहुंचने के लिए सीनेट में सीनेटरों के एक समूह के साथ अमेरिकी सरकार के सहयोग का ज़िक्र करते हुए यूक्रेन और इस्राईल को दी जाने वाली मदद के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि जहां तक ज़ायोनी शासन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बनाए रखने की बात है तो यह हमारे लिए काफ़ी ज़रूरी और महत्वपूर्ण बिन्दू है लेकिन इसे राजनीतिक खेल नहीं बनना चाहिए। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता की यह टिप्पणी हाउस स्पीकर माइक जॉनसन द्वारा उस क़ानून को पेश किए जाने के बाद आई है कि जिसमें यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता की राशि का उल्लेख किए बिना, ग़ज़्ज़ा युद्ध में इस्राईल को 17.6 बिलियन डॉलर की नई सैन्य सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया था। साथ ही यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अमेरिकी सीनेट में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और प्रस्ताव खारिज हो गया।

ग़ौरतलब है कि शनिवार को हाउस के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सीनेटरों को भेजे गए एक पत्र में, जॉनसन ने इस्राईल और यूक्रेन को दिए जाने वाले सहायता पैकेज पर बहस करने के लिए आमंत्रित किया था। इस बीच सीनेट में रिपब्लिकन सीनेटरों ने पूर्ण बहुमत से इस सहायता पैकेज का विरोध किया। माइक जॉनसन ने प्रस्ताव पास न होने पर रिपब्लिकन की आलोचना करते हुए कहा कि उनके (सीनेट और व्हाइट हाउस वार्ताकारों) के पास ग़ज़्ज़ा युद्ध में इस्राईल की मदद करने के लिए आवश्यक गति नहीं है। बता दें कि 7 अक्टूबर, 2023 को ग़ज़्ज़ा पट्टी के विरुद्ध आक्रमणकारियों के बर्बर हमलों की शुरुआत के साथ, अमेरिकी सरकार ने ज़ायोनी शासन की चौतरफ़ा सहायता बढ़ा दी है, विशेष रूप से सभी प्रकार के हथियारों, गोला-बारूद और बमों की डिलीवरी, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्ध के शुरुआती दिनों में ज़ायोनी अपराधों का हर तरह से समर्थन किया। उन्होंने युद्ध के आरंभ में ही अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की यात्रा भी की और तेल अवीव में ज़ायोनी अधिकारियों से मुलाक़ात भी की थी। (RZ)

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