Feb २४, २०२४ १८:२५ Asia/Kolkata
  • यूक्रेन युद्ध और कितना लंबा खिंचेगा?

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को रूस-यूक्रेन युद्ध की दूसरी वर्षगांठ की समाप्ति के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि नागरिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ़ हमलों को रोका जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब शांति स्थापित करने का समय आ गया है। ऐसी न्यायसंगत शांति जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों और महासभा के प्रस्तावों पर आधारित हो। गुटेरेस ने कहा: संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय क़ानून, युद्ध और हिंसा से मुक्ति के लिए हमारे मार्गदर्शक हैं।

यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और शांति स्थापित करने की आवश्यकता पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की यह मांग, मानवीय, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक परिणामों और यूरोपीय महाद्वीप की सुरक्षा पर इसके नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए की गई है। इस युद्ध में अब तक 5 लाख से अधिक लोग मारे गए हैं। युद्ध में दोनों तरफ़ से लोग हताहत हुए हैं और इसने यूक्रेन के पूर्वी और मध्य भाग के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया है। अनुमान के मुताबिक़, यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए दस वर्षों में 500 अरब डॉलर की लागत की आवश्यकता है।

यूक्रेन में युद्ध का कारण, दो दशकों से रूस के खिलाफ़ अमरीकी नेतृत्व में पश्चिम की उकसावे भरी कार्यवाहियां हैं, विशेष रूप से यूक्रेन को रूस ख़िलाफ़ खड़ा करने और नाटो में यूक्रेन की सदस्यता के प्रयासों ने रूस को रक्षात्मक स्थिति में ला खड़ा किया था। यूक्रेन ने 2014 के बाद से रूस के खिलाफ़ शत्रुतापूर्ण रुख अपना लिया था। दरअसल, नाटो में यूक्रेन की सदस्यता के मुद्दे पर रूस के अल्टीमेटम के बावजूद, अमरीका और नाटो की नकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद ही यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ।

मॉस्को के दृष्टिकोण से, नाटो में यूक्रेन सहित पड़ोसी देशों की सदस्यता, रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा ख़तरा है। यह एक ऐसा मुद्दा रहा है जो क्रेमलिन को किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं रहा है। वहीं, यूक्रेन के साथ सोवियत काल से रूस के रिश्ते बेहद अहम माने जाते रहे हैं। दूसरी ओर, इन दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की पृष्ठभूमि और जातीय, जनसांख्यिकीय और धार्मिक समानता को देखते हुए, यूक्रेन को रूस से अलग करने के पश्चिमी लोगों के प्रयास को मास्को द्वारा एक बहुत ही धमकी भरी कार्यवाही माना गया है।

रूस की तमाम चेतावनियों के बावजूद आख़िरकार 22 फरवरी 2022 को यूक्रेन में युद्ध शुरू हो गया। मॉस्को का शुरूआत में यह मानना था कि यह युद्ध अल्पकालिक होगा, लेकिन अमरीका के नेतृत्व में पश्चिम के व्यापक और अभूतपूर्व समर्थन और विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों और हथियारों की आपूर्ति, अरबों डॉलर की मदद और विभिन्न देशों के हज़ारों भाड़े के सैनिकों के कारण यह युद्ध काफ़ी लम्बा खिंच गया है।

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