Feb २६, २०२४ १८:२२ Asia/Kolkata
  • ब्राज़ील और इस्राईल के बीच तनाव में वृद्धि

ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला इनासियो डीसिल्वा द्वारा ज़ायोनी शासन पर ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार का आरोप लगाने के कुछ हफ़्ते बाद, ब्राज़ील में राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।

इस स्थिति का फ़ायदा उठाने के लिए ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने कई महीनों की चुप्पी के बाद अपने प्रशंसकों से सड़कों पर निकलने का आहवान किया है। बोल्सोनारो ने ज़ायोनी शासन का पक्ष लेते हुए देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी को कम करने का सरकार पर आरोप भी लगाया है।

बोल्सोनारो पर अक्टूबर 2022 के चुनावों के परिणामों को पलटने की कोशिश करने और सेना प्रमुखों पर तख्तापलट में शामिल होने के लिए दबाव डालने का आरोप है। ब्राज़ील के परिणामों की घोषणा के बाद बोल्सोनारो के समर्थकों ने राजधानी ब्राज़ीलिया में सरकारी इमारतों पर हमला कर दिया था, जिसमें राष्ट्रपति भवन भी शामिल था। सर्वोच्च न्यायालय और सरकारी इमारतों पर हमले किए गए और उन्हें नष्ट कर दिया गया। इस हंगामे के बाद, बोल्सोनारो के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके राजनीतिक दल के प्रमुख को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

तब से बोल्सोनारो ने विदेश में लंबा समय बिताया है, लेकिन ब्राज़ील के ट्रम्प के नाम से मशहूर बोल्सोनारो ने नई स्थिति का फ़ायदा उठाने के लिए देश में विरोध प्रदर्शनों का आहवान किया है। विदेश से ब्राज़ील लौटते ही उन्होंने अपने देश में स्वतंत्रता की कमी की आलोचना करते हुए अपने समर्थकों से सड़कों पर निकलने के लिए कहा है, ताकि अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों से भी बच सकें। उन्होंने कहाः ब्राज़ील आगे बढ़ाने के लिये अतीत को भूलने और इसे पीछे छोड़ देने का समय है।

ब्राज़ील के राष्ट्रपति डीसिल्वा ने ग़ज़ा युद्ध में इस्राईल के अपराधों पर कठोर रुख़ अपनाते हुए ज़ायोनी सेना के हाथों फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार को दूसरे विश्व युद्ध में हिटलर के हाथों की गईं हत्याओं के समान बताया है। इसके बाद ब्राज़ील और इस्राईल के राजनीतिक संबंध प्रभावित हुए हैं। ब्राज़ील ने ज़ायोनी शासन के राजदूत को अपने देश से निष्कासित कर दिया और अपने राजदूत को तलब कर लिया।

दरअसल, डीसिल्वा के रुख़ ने ज़ायोनी शासन और उसके सहयोगियों को नाराज़ कर दिया है।

इसके अलावा, ब्राज़ील के राष्ट्रपति के इस रुख़ से लैटिन अमेरिकी देशों में फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में वृद्धि हुई है। हालांकि फ़िलिस्तीन का समर्थन इस क्षेत्र में गहरी जड़ें जमा चुका है और वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में यरूशलेम पर कब्ज़ा करने वाले शासन और उसकी समर्थक लॉबी के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। इस संदर्भ में, वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने भी कहा है कि आधुनिक दौर में इस्राईल को पश्चिम से वही प्रोत्साहन, वही फ़ंडिंग और वही समर्थन प्राप्त है जैसा दूसरे विश्व युद्ध से पहले एडॉल्फ़ हिटलर के नाज़ी जर्मनी को हासिल था।

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