Apr १८, २०२४ १९:२३ Asia/Kolkata
  • आख़िर पश्चिम अपनी साख इस्राईल के लिए क्यों दांव पर लगा रहा है?

पार्सटुडेः पश्चिम द्वारा इस्राईली राज्य के समर्थन के प्रमुख कारणों में से एक, अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की पश्चिमी एशिया में भूगोलिक स्थिति है जो रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है।

ग़ज़्ज़ा में अवैध ज़ायोनी शासन द्वारा अंजाम दिए जा रहे जघन्य अपराधों को 6 महीने से अधिक समय बीत रहा है। इसी तरह इस अवैध शासन की सेना पश्चिमी और अमेरिकी नेताओं और शासकों के समर्थन से ग़ज़्ज़ा और उसके बाहर भी अपने अपराधों को अंजाम देने के कार्यों को जारी रखे हुए है। जैसा कि इतिहास हमें दिखाता है, 1948 में अपनी अवैध स्थापना और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ज़ायोनी शासन को पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका द्वारा समर्थन दिया गया है। जैसा कि इतिहास हमें दिखाता है, 1948 में अपनी अवैध स्थापना और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ज़ायोनी शासन को पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका द्वारा समर्थन दिया गया है। यह समर्थन कई वर्षों से जारी है और इसके विभिन्न कारण बताए गए हैं।

यूएसएआईडी के अनुसार, 1946 और 2023 के बीच इस्राईल को कुल अमेरिकी सहायता, मुद्रास्फीति के लिए समायोजित, 260 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। ट्रम्प सरकार ने 2021 वित्तीय वर्ष (अक्टूबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक) के लिए 33 अरब डॉलर की विदेशी सहायता-सैन्य सहायता (कुल विदेशी सहायता-सैन्य सहायता का 59 प्रतिशत) की इजाज़त दी थी, जिसमें इस्राइल को अमेरिका से जो वित्तीय सहायता प्राप्त होती है वह अन्य सभी देशों को मिलने वाली सहायता से भी ज़्यादा है। इसके अलावा, बाराक ओबामा के काल में अमेरिका ने तीसरे 10-वर्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत वाशिंगटन ने 2019 से 2028 तक इस्राईल को 38 अरब डॉलर की विदेशी सहायता-सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी।

सीआरएएस रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने ज़ायोनी शासन को वित्तीय वर्ष 2023 के लिए 8.3 बिलियन डॉलर और "अन्य रक्षा और ग़ैर-रक्षा कार्यक्रमों" के लिए अतिरिक्त 58.98 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं। 2022 में अमेरिका ने इस्राईल को 4.8 अरब डॉलर की मदद भी दी। वाशिंगटन ने ज़ायोनी शासन को उसकी सबसे उन्नत सैन्य तकनीक भी दी है, जिसमें कई F-35 लड़ाकू जेट भी शामिल हैं।

पवित्र प्रतिरक्षा के समय के आईआरजीसी के कमांडर मोहसिन रेज़ाई।

पवित्र प्रतिरक्षा के समय के आईआरजीसी के कमांडर मोहसिन रेज़ाई ने हाल ही में एक भाषण में साम्राज्यवाद की ओर से इस्राईल का समर्थन करने के पीछे के उद्देश्यों और उनके लक्ष्यों को बयान किया है। मोहसिन रेज़ाई जो सबसे पहली वजह बताते हैं वह यह है कि क्योंकि इस्लाम ज़ालिमों के मुक़ाबले में मज़लूमों का खुलकर समर्थन करता है, इसलिए इस्लाम की इस विचारधारा से मुक़बाले के लिए पश्चिम फूट डालों और राज करो की अपनी नीति को आगे बढ़ाना चाहता है। अपनी इसी नीति को आगे बढ़ाने के लिए वह इस्राईल को मुख्य हथकंड़े के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जबकि पश्चिमी एशिया के वह देश भी उनके हाथों की कठपुतली बने हुए हैं कि जो पश्चिम पर निर्भर हैं।

पश्चिमी साम्राज्यवादी इन दो तरीक़ों से इस्लामिक क्षेत्र की जनता की प्रतिरोध को मिटाना चाहता है। इसलिए उसका मुख्य लक्ष्य इस्लाम का मुक़ाबला करना है। रेज़ाई के अनुसार, पश्चिम का दूसरा लक्ष्य पेट्रोलियम संसाधनों पर नियंत्रण प्राप्त करना है, जो पश्चिमी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है। पश्चिमी राष्ट्रों की राजनीति इस प्रकार थी कि उन्होंने इस्राईल को पश्चिम एशिया में स्थापित करके इस क्षेत्र को हमेशा जलता हुआ और असुरक्षित बनाए रखने का प्रयास किया और इस प्रकार इस क्षेत्र के देशों के विकास और औद्योगिक विकास को रोकने का प्रयास किया; उन्हें इस क्षेत्र के देशों को असुरक्षित और पिछड़ा हुआ बनाए रखना चाहिए ताकि वे इस तेल को अपने उद्योग के लिए प्राप्त कर सकें; क्योंकि अगर पश्चिमी एशिया के देश औद्योगिक हो जाते हैं, तो इस क्षेत्र से और तेल नहीं निकाला जाएगा और सभी तेल को ख़ुद पश्चिमी एशिया के देश ही उपयोग करेंगे। उदाहरण के लिए, यदि ईरान की औद्योगिक श्रृंखला तेल निर्यातक के रूप में पूरी हो जाती है, तो उसे दस लाख बैरल तेल का आयात भी करना होगा।

ज़ायोनी शासन के लिए पश्चिम के समर्थन का तीसरा लक्ष्य पश्चिम एशिया में अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की भौगोलिक स्थिति का उपयोग करना और पश्चिम और पूर्व के बीच पुल बनाए रखना है। पश्चिमी शक्तियां नहीं चाहतीं कि क्षेत्र के बड़े देश पूर्व में उनके बढ़ते प्रभाव में बाधा बनें। इस क्षेत्र में चीन और रूस को नियंत्रित करने के लिए पूर्व में एक संचार पुल और पैठ की भूमिका है, और इस्राईल पश्चिम के लिए एक सैन्य और आर्थिक आधार के रूप में काम करके पश्चिमी हितों की देखभाल कर सकता है।

रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर

रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर द्वारा कही गई कुछ बातेः

इस अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का बयान इस्राईल पर नियंत्रण संबंधित नीतियों के उद्देश्यों को साबित करता है और यह दर्शाता है कि ज़ायोनी शासन विकास के ख़िलाफ़ एक तत्व के रूप में पश्चिम के तेल के हित के लिए एक पुल और गेटवे के तौर पर पश्चिमी हितों के सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सामान्य तौर पर यह कहा जा सकता है कि बड़े और ऐतिहासिक देशों की शक्ति को रोकना, पश्चिम एशियाई क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधन और सामरिक महत्व इस्राईल के लिए पश्चिम के समर्थन के मुख्य कारणों में से हैं। यह जानना चाहिए कि अमेरिका और पश्चिमी देश इन कारणों के लिए इस्राईल का समर्थन करते हैं, उनका मक़सद भी भी यहूदियों की रक्षा नहीं रहा है। (RZ)

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