Sep २२, २०२४ १६:०२ Asia/Kolkata
  • दुनिया में इजराइली कंपनियों का बायकाट, ज़ायोनी नस्लवाद के ख़िलाफ़ यूरोपीय प्रदर्शनकारियों का नारा
    दुनिया में इजराइली कंपनियों का बायकाट, ज़ायोनी नस्लवाद के ख़िलाफ़ यूरोपीय प्रदर्शनकारियों का नारा

पार्सटुडे- विभिन्न यूरोपीय शहरों में कल शनिवार को फिलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थकों का प्रदर्शन देखने को मिला। यूरोपीय जनता ने ज़ायोनी विरोधी प्रदर्शन करके मज़लूम फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इज़राइल के अपराधों की निंदा की।

पार्सटुडे के अनुसार, यूरोपीय प्रदर्शनकारियों ने फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करते हुए ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के नरसंहार को समाप्त करने की मांग की।

स्वीडिश राजधानी स्टॉकहोम में प्रदर्शनकारियों ने बैनर उठा रखे थे जिन पर लिखा था: "नरसंहार बंद करो" और "ग़ज़ा में बच्चे मारे जा रहे हैं।"

स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने प्रदर्शन के मौके पर संवाददाताओं से कहा: नरसंहार के दौरान चुप्पी का मतलब उसमें शामिल होना है, हमें इजराइली कंपनियों का बहिष्कार करना चाहिए और उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

इटली की राजधानी रोम में इतालवी प्रदर्शनकारियों ने ज़ायोनी शासन के लिए इतालवी सरकार के समर्थन की आलोचना करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि आज़ाद फ़िलिस्तीन एक हक़ है।

लिवरपूल शहर में लेबर पार्टी के वार्षिक सम्मेलन से पहले शनिवार को इंग्लैंड में फ़िलिस्तीन के हजारों समर्थकों ने भी प्रदर्शन किया।

इस प्रदर्शन में ब्रिटिश जनता ने ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए बर्बर अपराधों की निंदा की और ब्रिटिश सरकार और इज़राइली शासन के बीच हथियारों के सहयोग को बंद करने की मांग की।

प्राप्त अंतिम रिपोर्टों के अनुसार ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 41 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 95 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति के तहत ज़ायोनी सरकार का ढांचा वर्ष 1917 में ही तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों से यहूदियों व ज़ायोनियों को लाकर फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व की घोषणा कर दी। उस समय से लेकर आजतक विभिन्न बहानों से फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा यथावत जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित कुछ देश इस्राईल की साम्राज्यवादी सरकार के भंग व अंत किये जाने और इसी प्रकार इस बात के इच्छुक हैं कि जो यहूदी व ज़ायोनी जहां से आये हैं वहीं वापस चले जायें।

 

कीवर्ड्ज़: ग़ज़ा युद्ध, इजराइली अपराध, इजराइली हमले, ग़ज़ा पट्टी, स्वीडन और फ़िलिस्तीन, इटली और इजराइल (AK)

 

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