लेबनान में अमेरिका और इज़राइल का युद्ध क़बलू नहीं, ज़ायोनी युद्धोन्माद के विरुद्ध अमेरिकी प्रदर्शनकारियों का नारा
(last modified Wed, 25 Sep 2024 14:09:09 GMT )
Sep २५, २०२४ १९:३९ Asia/Kolkata
  • लेबनान में अमेरिका और इज़राइल का युद्ध क़बलू नहीं, ज़ायोनी युद्धोन्माद के विरुद्ध अमेरिकी प्रदर्शनकारियों का नारा
    लेबनान में अमेरिका और इज़राइल का युद्ध क़बलू नहीं, ज़ायोनी युद्धोन्माद के विरुद्ध अमेरिकी प्रदर्शनकारियों का नारा

पार्सटुडे - उसी समय जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा आयोजित हुई, अमेरिकी जनता ने युद्ध-विरोधी विरोध प्रदर्शन किये और लेबनान पर इज़राइल के हमलों को तत्काल रोकने की मांग की।

कल यानी मंगलवार को अमेरिकी जनता ने वॉशिंगटन के इज़राइल को सैन्य समर्थन के खिलाफ़ देश के कई शहरों में प्रदर्शन किया।

पार्सटुडे के अनुसार, तेल अवीव को वाशिंगटन के चौतरफ़ा समर्थन जारी रखने का विरोध ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिम एशियाई क्षेत्र में एक और युद्ध का ख़तरा बढ़ रहा है।

ANSWER गठबंधन के अनुसार, जो युद्ध और नस्लवाद को समाप्त करने के लिए अभी काम करें" का शार्टफ़ार्म है, न्यूयॉर्क में अमेरिकी प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां और बैनर उठा रखे थे जिन पर लिखा हुआ था "अभी इसी वक़्त लेबनान का पीछा छोड़ो" और "लेबनान में अमेरिका और इज़राइल का युद्ध क़बूल नहीं" । प्रदर्शनकारी लेबनान पर इजराइल के हमलों को रुकवाने की मांग कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा की बैठक की ओर भी इशारा किया और नारे लगाए: "बाइडेन, हैरिस, ट्रम्प, बीबी (बेन्यामीन नेतन्याहू) का हमारे शहर में स्वागत नहीं है, मध्य पूर्व छोड़ दें और फ़िलिस्तीन को आज़ाद करें।"

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास एक और विरोध रैली आयोजित की गई। इस सभा में प्रदर्शनकारियों ने लेबनान पर इजराइल के हमलों को रोकने की मांग की.

इज़राइल के अपराधों की निंदा करते हुए एक बयान में, ANSWER गठबंधन ने घोषणा की: लेबनान पर इज़राइल के हमले और ग़ज़ा में चल रही घेराबंदी और नरसंहार, अमेरिका द्वारा बनाए गए बमों, मिसाइलों और युद्धक विमानों की बढ़ती संख्या के कारण संभव हुआ है।

इस संगठन की घोषणा के मुताबिक सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, सैन एंटोनियो और फीनिक्स जैसे अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हुए।

ग़ज़ा में युद्ध की शुरुआत के बाद से, अमेरिका में हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों को युद्ध का विरोध करने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए देखा गया है।

प्राप्त अंतिम रिपोर्टों के अनुसार ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 41 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 95 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति के तहत ज़ायोनी सरकार का ढांचा वर्ष 1917 में ही तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों से यहूदियों व ज़ायोनियों को लाकर फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व की घोषणा कर दी। उस समय से लेकर आजतक विभिन्न बहानों से फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा यथावत जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित कुछ देश इस्राईल की साम्राज्यवादी सरकार के भंग व अंत किये जाने और इसी प्रकार इस बात के इच्छुक हैं कि जो यहूदी व ज़ायोनी जहां से आये हैं वहीं वापस चले जायें।

 

कीवर्ड्ज़: ग़ज़ा युद्ध, इजराइली अपराध, इजराइली हमले, लेबनान, अमेरिका और इज़राइल (AK)

 

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