नवाज़ शरीफ़ के पास अब क्या रास्ता बचा है?!
(last modified Thu, 22 Feb 2018 13:50:07 GMT )
Feb २२, २०१८ १९:२० Asia/Kolkata
  • नवाज़ शरीफ़ के पास अब क्या रास्ता बचा है?!

कहा जाता है कि राजनीति असंभव को संभव बनाने की कला है लेकिन जब पाकिस्तान की बात हो तो किसी भी लोकप्रिय नेता को हटाना बहुत बड़ी त्रुटि है, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वह कितना विवादित है।

यदि कोई हालिया कुछ महीनों में नवाज़ शरीफ़ के आक्रामक तेवर देखे तो समझ सकता है कि हालिया अदालती फ़ैसले के बाद वो अपने अंदर कोई सुधार करेंगे बल्कि लक्षण तो यही दिखाई देते हैं कि वह और भी आक्रामक हो जाएंगे।

नवाज़ शरीफ़ के क़रीबी लोगों का यह कहना है कि नवाज़ शरीफ़ अब यह मान कर चल रहे हैं कि उनके पास खोने के लिए कुछ बचा नहीं है और जो कुछ हो रहा है वह देश की राजनीति से शरीफ़ परिवार को बाहर का रास्ता दिखाने की योजना के तहत हो रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि नवाज़ शरीफ़ के पास अपना राजनैतिक कैरियर बचाए रखने के लिए एक ही विकल्प है। वह सुप्रीम कोर्ट के उसे फ़ैसले की प्रतीक्षा करें जिसमें यह सुनिश्चित हो कि किसी सांसद को कितनी अवधि के लिए आयोग्य घोषित किया जा सकता है।

नवाज़ शरीफ़ की पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष पद से नवाज़ शरीफ़ को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला उनकी अपेक्षा के अनुरूप था और दूसरी बात यह है कि वह उस समय इससे भी बुरा दौर देख चुके हैं जब सैनिक शासक जनरल मुशर्रफ़ ने नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद से हटाया था और देश से बाहर निकाल दिया था। मुस्लिम लीग नवाज़ ग्रुप का मानना है कि जब पार्टी उस समय बच गई तो इस समय भी उसका अस्तित्व बाक़ी रहेगा।

नवाज़ शरीफ़ की पार्टी इस समय पूरा ज़ोर लगा रही है कि जनता में यह तसवीर जाए कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनके परिवार के लोगों को साज़िश के तहत निशाना बनाया जा रहा है और इस साज़िश में बड़े पैमाने पर संस्थाएं लिप्त हैं। नवाज़ शरीफ़ इस तरह ख़ुद को पीड़ित और म़जलूम दर्शाना चाहते हैं ताकि जनता की सहानुभूति उन्हें मिल सके। लेकिन दूसरी ओर उनके ख़िलाफ़ जिस प्रकार के आरोप हैं उन्हें नज़रअंदाज़ करना भी आसान नहीं है। नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ अदालत के फ़ैसलों से लोगों में यह संदेश गया है कि शरीफ़ परिवार ने सत्ता में होने का भरपूर फ़ायदा उठाया और देश को नुक़सान पहुंचाया है।

टीकाकार यह मानते हैं कि नवाज़ शरीफ़ और उनके सलाहकारों ने सुप्रीम कोर्ट के संबंध में कभी कभी वह रवैया अपनाया जो राजनैतिक दल अपने विरोधियों के संबंध में अपनाते हैं और यह नवाज़ शरीफ़ और उनके क़रीबी लोगों की बड़ी भूल थी।

देश की संस्थाओं को कमज़ोर करने की कोशिशों से हालात में सुधार नहीं होगा बल्कि जटिलताएं और बढ़ जाएंगी। नेता के पास जनता का दिल जीतने का अच्छा अवसर होता है मगर यह अवसर सारे नेताओं को नहीं मिल पाता। नवाज़ शरीफ़ उन भाग्यशाली लोगों में रहे हैं कि जिन्हें यह मौक़ा कई बार मिला है। नवाज़ शरीफ़ को चाहिए था कि वह इस मौक़े के महत्व  को समझते और जनता की सेवा करके लोगों का विश्वास जीतते।

किसी भी जनता के लिए यह महत्वपूर्ण होता है कि उसके बारे में जनता के बीच क्या तसवीर पायी जाती है। नवाज़ शरीफ़ के सामने अब यह बहुत बड़ी चुनौती है कि वह देश की ग़रीब और अनगिनत समस्याओं से घिरी जनता के बीच यह साबित करें कि उन्होंने भ्रष्टाचार नहीं किया है।