काली आंधी में जल उठा अमरीका, दुनियाभर के नेताओं ने अमरीकी नस्लभेद को लताड़ा
अमरीका में "ब्लैक्स लाइव मैटर" के समर्थन में जारी प्रदर्शन अब यूरोप के अन्य देशों में भी होने लगे हैं।
''काले लोगों की जिंदगियां भी अहम हैं" प्रदर्शन बर्लिन, लंदन, पेरिस समेत दुनियाभर के अन्य शहरों में भी आयोजित हो रहे हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कनाडा में भी व्यवस्थागत भेदभाव होता है। उन्होंने कहा कि हमें भेदभाव के ख़िलाफ़ लड़ाई में सहयोगी बनना होगा। उनका कहना था कि हमें सुनना होगा, हमें सीखना होगा और हमें चीजों के समाधान का हिस्सा बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
उधर जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा कि ट्रम्प का राजनैतिक अंदाज़ बहुत विवादास्पद है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फ्लॉयड की मौत को "भयावह" क़रार दिया और कहा कि लोगों को अन्याय के बारे में अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन का अधिकार है। उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अपील की।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज सहित कुछ नेताओं ने इस मामले में कड़ा रुख व्यक्त किया है। सांचेज ने अमेरिका में प्रदर्शनों पर हुई कार्यवाही को "अधिनायकवादी" क़रार दिया।
नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने कहा था कि वह अमेरिका के घटनाक्रम से बहुत चिंतित हैं। घाना के राष्ट्रपति नाना आकुफो अड्डो ने कहा कि यह अच्छी बात नहीं है कि 21वीं सदी में भी अमेरिका नस्लवाद की समस्या से जूझ रहा है।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सी रामाफ़ोसा ने कहा कि अमेरिका में नग्न नस्लवाद है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाख़ारोवा ने अमेरिका के हालात को "हास्यास्पद" क़रार दिया। (AK)