क्या लीबिया दूसरा सीरिया बनता जा रहा है?
(last modified Mon, 22 Jun 2020 14:55:17 GMT )
Jun २२, २०२० २०:२५ Asia/Kolkata
  • क्या लीबिया दूसरा सीरिया बनता जा रहा है?

इस महीने की शुरूआत में लीबिया के विद्रोही कमांडर ख़लीफ़ा हफ़्तर राजधानी त्रिपोली की अपनी 14 महीने की घेराबंदी समाप्त करने पर मजबूर हो गए।

उसके बाद से ही अफ़्रीक़ा के सबसे अधिक तेल से समृद्ध देश में जारी हिंसा में शामिल गुटों के अंतर्राष्ट्रीय समर्थकों की सक्रियता में तेज़ी आ गई, क्योंकि वे इस देश के ऊर्जा स्रोतों पर क़ब्ज़ा जमाना चाहते हैं।

लीबिया दूसरा सीरिया बनता जा रहा है, इसलिए कि विश्व की कुछ शक्तियां त्रिपोली स्थित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन कर रही हैं, तो दूसरी युद्ध के मैदान में एक दूसरे खिलाड़ी, हफ़्तर की लीबिया नेशनल आर्मी की कमर थपथपा रही हैं।

सीरिया की ही तरह रूस और तुर्की इस लड़ाई में शामिल एक दूसरे के विरोधी पक्षों का समर्थन कर रहे हैं। तुर्की ने जनवरी में त्रिपोली सरकार के समर्थन में सैनिक और ड्रोन भेजकर हफ़्तर के लड़ाकों के पीछे हटने में भूमिका निभाई, जिन्हें रूस का समर्थन हासिल है।

रॉयटर्ज़ का कहना है कि तुर्की इस उत्तरी अफ़्रीक़ी देश के हवाई अड्डे और बंदरगाहें इस्तेमाल करने के लिए त्रिपोली स्थित सरकार से बातचीत कर रहा है। अगर अंकारा अपनी इस कोशिश में सफल हो जाता है, तो उसे पश्चिमी शक्तियों और अपने अरब विरोधियों के ख़िलाफ़ एक महत्वूपर्ण सफलता हासिल हो जाएगी।

तुर्की के सैन्य हस्तक्षेप से फ़्रांस जैसे उसके नाटो सहयोगी नाराज़ हैं, जो हफ़्तर की सेना का समर्थन कर रहे हैं। बुधवार को फ़्रांस के रक्षा मंत्री ने तुर्क नौसेना पर फ़्रांसीसी युद्धपोतों को ख़तरे में डालने का आरोप लगाया।

दूसरी ओर, हफ़्तर की लीबियन नेशनल आर्मी का समर्थन करने वाला रूस, लीबिया में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ा रहा है। अगर रूस सीरिया की तरह लीबिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका में आ जाता है तो इससे उसे एक व्यापक मंच हासिल हो जाएगा और वह नाटो के दक्षिणी हिस्से को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएगा।

रविवार को रूस और तुर्की के विदेश तथा रक्षा मंत्रियों के बीच मुलाक़ात तय थी, लेकिन इस मुलाक़ात को रद्द कर दिया गया, क्योंकि तुर्की समर्थित लीबियाई सरकार ने तटीय शहर सिर्ते से हफ़्तर के लड़ाकों को पीछे धकेलने के लिए अभियान शुरू कर दिया।

सोमवार को तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि अंकारा लीबिया में स्थायी संघर्ष विराम का समर्थन करेगा।

अब देखना यह है कि प्रॉक्सी वार में फंसे हुए तेल से माला-माल इस मुस्लिम बहुल अफ़्रीक़ी देश की जनता को रक्तपात और लूटमार से कब मुक्ति हासिल होती है और कब लीबिया के नागरिकों को अपने भविष्य निर्धारण का मौक़ा मिलता है। msm