चीन के ख़िलाफ़ ट्रम्प सरकार का नया क़दम, ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश
(last modified Wed, 22 Jul 2020 15:33:13 GMT )
Jul २२, २०२० २१:०३ Asia/Kolkata
  • चीन के ख़िलाफ़ ट्रम्प सरकार का नया क़दम, ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश

अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प जबसे सत्ता में आए हैं तभी से उन्होंने चीन के ख़िलाफ़ कड़ी नीतियां अपना रखी हैं और व्यापारिक, राजनैतिक व सुरक्षा क्षेत्रों में वे इस देश से टकराते रहे हैं। इसी के साथ अमरीका विभिन्न रास्तों से चीन के आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप कर रहा है।

ट्रम्प सरकार ने चीन के ख़िलाफ़ बड़ा क़दम उठाते हुए उसके ह्यूस्‍टन स्थित वाणिज्‍य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। अमरीका ने चीन को इसके लिए 72 घंटे का समय दिया है। दूसरे शब्दों में शुक्रवार तक चीन को वाणिज्‍यक दूतावास बंद करना होगा। इस समय अमरीका में चीन के पांच वाणिज्य दूतावास हैं जो ह्यूस्टन, न्यूयाॅर्क, शिकागो, सैन फ़्रांसिस्को और लाॅस एंजेलेस में स्थित हैं। वाॅशिंग्टन ने अचानक ही 21 जुलाई को बीजिंग को इसकी सूचना दी। चीन की सरकार ने वाॅशिंग्टन के इस क़दम की कड़ी आलोचना की है और कहा कि वह जवाबी कार्यवाही ज़रूर करेगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि बीजिंग, इस फ़ैसले की कड़ी निंदा करता है और वाॅशिंग्टन से मांग करता है कि वह इस पर पुनर्विचार करे। कुछ रिपोर्टों के अनुसार चीन ने अमरीका को धमकी दी है कि वह वूहान में उसके वाणिज्य दूतावास को बंद कर देगा।

 

ऐसा लगता है कि ट्रम्प सरकार ने चीन के ख़िलाफ़ व्यापारिक, आर्थिक, सामरिक, सुरक्षा और हाल ही में मानवाधिकार के क्षेत्र में मोर्चे खोलने के बाद अब एक नया मोर्चा खोल दिया है और वह है कूटनैतिक युद्ध। यह वही मोर्चा है जो ओबामा सरकार ने दिसम्बर सन 2016 में अमरीका के चुनाव में रूस के हस्तक्षेप का आरोप लगा कर माॅस्को के ख़िलाफ़ अपनाया था और अमरीका में रूस के अनेक कूटनयिक केंद्रों को बंद कर दिया था। अब ट्रम्प ने हांग कांग में बीजिंग की कार्यवाहियों और इसी तरह चीन के पश्चिमी प्रांत सिंकियांग में उसकी नीतियों के बहाने चीन के ख़िलाफ़ कुछ नए प्रतिबंध लगा कर अपने विचार में चीन पर दबाव दुगना कर दिया है। ट्रम्प का विचार है कि उनके इस क़दम से अमरीका में चीनी नागरिकों या चीनी मूल के अमरीकी नागरिकों के लिए स्थिति कठिन हो जाएगी।

 

कोरोना वायरस के फैलाव और इसके लिए ट्रम्प की ओर से कई बार चीन को दोषी ठहराए जाने के मद्देनज़र अमरीका व चीन के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। वाॅशिंग्टन ने कहा है कि वह चीन को सबक़ सिखाने के लिए कुछ और विकल्पों के बारे में सोच रहा है जिनमें से एक चीनी एप टिकटाॅक को प्रतिबंधित करना भी है। यह बात तो निश्चित है कि वाॅशिंग्टन को बीजिंग की जवाबी कार्यवाही का सामना करना ही पड़ेगा और इस तरह से दोनों देशों के संबंध और अधिक तनावग्रस्त हो जाएंगे।

 

पिछले महीनों के दौरान अमरीका ने चीन से मुक़ाबले के लिए अनेक कामों को अपनी कार्यसूची में शामिल किया है। व्यापारिक युद्ध, हुवावे समेत चीन की बड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध, ताइवान के साथ सहयोग में वृद्धि और उसे विकसित हथियारों की बिक्री और दक्षिणी चीन सागर में अमरीकी युद्धपोतों की व्यापक उपस्थिति, चीन के ख़िलाफ़ दबाव बढ़ाने की अमरीका की कार्यवाहियों में शामिल रहे हैं। अमरीका ने अब ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद कर इस देश के साथ अपनी जंग को और गति प्रदान कर दी है। (HN)

 

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