शनिवार - 3 अक्तूबर
1831, भारत के शहर मैसूर पर ब्रिटेन ने क़ब्जा किया।
3 अक्तूबर वर्ष 2011 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन में 9 अक्तूबर को वार्षिक सत्याग्रह दिवस पर आयोजित होने वाले समारोह में दलाई लामा को वर्ष 2011 का अंतर्राष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार दिये जाने का निर्णय किया गया। उनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले येओमान परिवार में हुआ था। दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर। वर्ष 1949 में तिब्बत पर चीन के हमले के बाद दलाई लामा से कहा गया कि वे पूर्ण राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में ले लें। 1954 में वह माओ जेडांग, डेंग जियोपिंग जैसे कई चीनी नेताओं से बातचीत करने के लिए बीजिंग भी गए किन्तु आखिरकार वर्ष 1959 में लहासा में चीनी सेना द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन को कुचले जाने के बाद वे निर्वासन में जाने को विवश हो गए।
3 अक्तूबर सन 1866 ईसवी को इटली और ऑस्ट्रिया साम्राज्य के प्रतिनिधियों के बीच वियना समझौते पर हस्ताक्षर हुए। जिसके आधार पर ऑस्ट्रिया ने वेंनसी राज्य को इटली के हवाले कर दिया। इस समझौते का एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि ऑस्ट्रिया को इटली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से रोक दिया गया था। इस समझौते ने वर्ष 1870 में इटली की एकता की भूमिका समतल कर दी।

3 उक्तूबर सन 1932 इसवी को इराक़ ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। 539 वर्ष ईसापूर्व इरान ने इराक़ पर अधिकार कर लिया था और यह देश 642 ईसवी तक ईरान का भाग रहा कुछ समय पश्चात मुसलतानों ने इराक़ को ईरान के क़ब्ज़े से आज़ाद करा लिया। बाद में यह देश उस्मानी शासन के अधिकार में चला गया किंतु प्रथम विश्व युद्ध में उस्मानी शासन की पराजय तथा उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों के विभाजन के बाद इराक़ वर्ष 1920 में ब्रिटेन के अधिकार में चला गया। किंतु इस देश की जनता ने ब्रिटेन के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दिया। अंतत: वर्ष 1932 में ब्रिटेन को इराक़ की स्वाधीनता स्वीकार करने पर विवश होना पड़ा। इस देश में अनेक विद्रोह हुए और बहुत से देशों ने इस पर अधिकार किया।

3 अक्तूबर सन 1990 ईसवी को पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एक होने की औपचारिक रुप से घोषणा की गई। यह दोनों देश 45 वर्षों के बाद दोबारा एक देश में परिवर्तित हो गये। द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय के बाद पूर्वी जर्मनी पर सोवियत संघ और पश्चिमी जर्मनी पर पश्चिमी देशों का अधिकार हो गया। वर्ष 1949 में पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी ने दो अलग अलग देश होने की घोषणा की। बरलिन नगर भी पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में बँटा हुआ था सोवियत संघ ने पूर्वी बरलिन के लोगों को पश्चिमी बरलिन की ओर फ़रार से रोकने के लिए वर्ष 1961 में एक दीवार बना दी जो जर्मनी के विभाजन के चिन्ह में परिवर्तित हो गई। 1980 के दशक के अंतिम वर्षों के परिवर्तनों और पूर्वी ब्लॉक के विघटन के बाद जर्मनी के एक हो जाने की भूमिका समतल हो गई। अंतत: नवम्बर सन 1989 में बरलिन की दीवार गिरा दी गई और एक साल से कम की अवधि में दोनों जर्मनी एक हो गए।
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बारह मेहर वर्ष 1375 हिजरी शम्सी को प्रसिद्ध अनुवादक, लेखक और प्रोफ़सर मुर्तज़ा असअदी का स्वर्गवास हुआ। वे अरबी और इस्लामी चीज़ों के अनुवाद में दक्ष थे और अरबी व अंग्रेज़ी भाषाओं में पूर्ण दक्षता के कारण उन्होंने फ़ार्सी भाषा में जो अनुवाद किए हैं जो बहुत ही सरल और साधारण हैं। उन्होंने अपने मूल्यवान जीवन के दौरान विभिन्न पुस्तकें और आलेख लिखे जिससे आज तक शोधकर्ता लाभ उठाते रहते हैं। उन्होंने जो महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं उनमें सलीबी युद्ध, पश्चिम में इस्लामी शोध का आरंभ और इस्लामी जगत की ओर संकेत किया जा सकता है। उन्होंने इसी प्रकार फ़ल्सफ़ये इस्लामी और बैतुल मुक़द्दस नामक पुस्तक का अनुवाद भी किया है।

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15 सफ़र सन 329 हिजरी क़मरी को ईरान के प्रसिद्ध विद्वान अबुल फ़ज़्ल बलअमी का निधन हुआ। वे बुखारा के रहने वाले थे जो अब उज़्बेकिस्तान का भाग है। ईरान में सामानी शासन काल में बलअमी एक कुशल मंत्री थे। उन्हों ने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने ही इस्लामी इतिहास की विख्यात पुस्तक तारीख़े तबरी का अनुवाद किया है। इसी प्रकार उनकी एक और पुस्तक तारीख़े बलअमी है जो इतिहास की पुस्तक होने के साथ ही एक साहित्यक उपहार भी है। यह फ़ार्सी की अत्यंत प्राचीन पुस्तको में गिनी जाती है।