सोमवार - 17 दिसम्बर
1398, दिल्ली में तैमूर ने सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद की सेना को पराजय कर दिया।
17 दिसम्बर सन 1807 ईसवी को फ़्रांस के तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट ने मीलान का ऐतिहासिक आदेश जारी किया। ब्रिटेन की नौसेना द्वारा फ़्रांस की बंदरगाहों का परिवेष्टन कर लिए जाने के बाद यह आदेश जारी हुआ। नेपोलियन ने पहले तो अपने योरोपीय घटकों से ब्रिटेन के साथ संबंध विच्छेद करने को कहा और फिर ब्रिटेन का परिवेष्टन कर लिया गया और फ़्रांस तथा उसके घटक देशों की नौकाओं को ब्रिटेन की नौकाओं पर आक्रमण की अनुमति मिल गयी। इस आदेश के कारण योरोप में ब्रिटेन का राजनैतिक एवं व्यापारिक प्रभाव कम हो गया किंतु योरोप के जल क्षेत्रों में ब्रिटिश सैनिकों की धाक वैसी ही जमी रही।
17 दिसम्बर सन 1903 ईसवी को मोटर की सहायता से उड़ने वाला विमान अनेक बार के परीक्षण के बाद पहली बार सफलतापूर्वक पृथ्वी से उड़ा। उसने एक मिनट तक आसमान में उड़ान भरी। यह सफल परीक्षण उत्तरी अमरीका में वेल्बर राइट और ओरियल राइट नाम के दो भाइयों ने किया था।
17 दिसम्बर सन 1971 ईसवी को भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध पाकिस्तान के विभाजन के परिणाम स्वरुप बांग्लादेश के अस्तित्व में आने के बाद समाप्त हुआ। पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से ही वर्तमान बंग्लादेश और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के लोग पश्चिमी पाकिस्तान में सत्ता की केंद्रीयता के विरोधी थे। सन 1953 में इन विरोधी गुटों ने एक संयुक्त मोर्चा बनाया तथा मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में इस मोर्चे ने पूर्वी पकिस्तान की स्वाधीनता के प्रयास आरंभ कर दिए। अलगाववादियों को भारत का समर्थन प्राप्त था अंतत: पाकिस्तान, भारत और बांगलादेश के अलगाववादी मोर्चे की संयुक्त सेना के बीच युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान अलग देश बन गया।
17 दिसम्बर सन 1992 ईसवी को ज़ायोनी शासन ने अपने सीमा सुरक्षा बल के एक जवान की हत्या के बहाने फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के 415 सदस्यों को देश निकाला दे दिया। इस अमानवीय कार्रवाई पर पूरे विश्व ने आपत्ति जताई और सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव संख्या 977 पारित करके तेल अबीब के इस क़दम की आलोचना की तथा फ़िलिस्तीनियों की स्वदेश वापसी की मांग की। इस्राईल ने दबाव में आकर उनकी वापसी पर समहति जताई किंतु वापसी के बाद कई लोगों को गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया।
***
21 रबीउस्सानी सन 1313 हिजरी क़मरी को वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु हाज मुल्ला मोहम्मद बाक़िर वाएज़ तेहरानी का निधन हुआ। वे सन 1255 हिजरी क़मरी में जन्में और उन्होंने अपनी आयु का अधिकांश भाग शिक्षा दीक्षा में बिताया। उनकी कई रचनाएं उनकी याद को ताज़ा रखने के लिए अब भी सुरक्षित हैं जिनमें जन्नतुन नईम उल्लेखनीय है।