रविवार - 22 दिसम्बर
22 दिसम्बर 146 ईसापूर्व को कार्टेज और रोम के मध्य होने वाला ऐतिहासिक युद्ध समाप्त हुआ।
- 22 दिसम्बर सन 1241 को प्रख्यात मंगोल सेनानायक हुलाकू ख़ान ने लाहौर पर क़ब्ज़ा किया।
- 22 दिसम्बर सन 1851 को भारत में पहली मालगाड़ी रुड़की से पिरन के बीच दौड़ी थी।
- 22 दिसम्बर सन 1887 को प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रिनिवास रामानुजम का जन्म हुआ।
- 22 दिसम्बर सन 1947 को पहला व्यवहारिक रेडियो प्रदर्शित किया गया।
- 22 दिसम्बर सन 2010 को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने समलैंगिकता से जुड़े क़ानून पर दस्तख़त करके इस देश सेना में समलैंगिकों के लिए रास्ता साफ़ कर दिया।
22 दिसम्बर 146 ईसापूर्व को कार्टेज और रोम के मध्य होने वाला ऐतिहासिक युद्ध समाप्त हुआ। इसमें रोमियों की विजय हुई। यह युद्ध प्यूनिक लड़ाई के नाम से प्रसिद्ध है जिसके पहले चरण में रोमी और दूसरे चरण में कार्टेज साम्राज्य को विजय प्राप्त हुई। कार्टेज देश पश्चिमोत्तरी अफ़्रीक़ा में भूमध्यसागर के तट पर स्थित था जो रोमियों की विजय के बाद व्यवहारिक रुप से अपने नाम से भी वंचित हो गया।
22 दिसम्बर सन 1693 ईसवी को दक्षिणी इटली के सिसली द्वीप में भीषण भूकम्प आया जिससे उस द्वीप के तीन शहर पूर्णत: नष्ट हो गये। इसे इटली के इतिहास के सबसे अधिक विनाशकारी भूकम्प के रुप में याद किया जाता है। भूकमप में 80 हज़ार लोगों की जानें गयी थीं।
22 दिसम्बर सन 1882 ईसवी को रॉल्फ़ वाल्डो एमिरसन नामक अमरीकी दार्शनिक और लेखक का निधन हुआ। उन्होंने हार्वर्ड विश्व विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की और इसी विश्व विद्यालय में प्रोफ़सर भी रहे। उन्होंने प्रकृति के नाम से अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित की। वे पहले अमरीकी लेखक थे जो ईरान के साहित्य से भी पूर्णत: परिचित थे। उन्होंने ईरानी शायरों हाफ़िज़, सादी ख़य्याम और मौलवी को पश्चिमी जगत में परिचित कराया।
22 दिसम्बर सन 1956 ईसवी को ब्रिटेन और फ़्रांस ने मिस्र की बंदरगाह पोर्ट सईद पर 50 दिन तक अतिग्रहण जारी रखने के बाद इस बंदरगाह को छोड़ दिया और अपनी सेना को मिस्र से वापस बुला लिया। उल्लेमीय है कि सीना प्रायद्वीप पर ज़ायोनी शासन के अतिक्रमण के बाद फ़्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं ने भी मिस्र पर आक्रमण आरंभ कर दिए जिसके दौरान स्वेज़ नहर की अधिकांश बंदरगाहें तबाह हो गयीं। इस आक्रमण का कारण स्वेज़ नहर का मिस्र द्वारा राष्ट्रीयकरण था। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ ने मिस्र का साथ दिया।
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25 रबीउस्सानी सन 288 हिजरी क़मरी को विख्यात गणितज्ञ खगोल शास्त्री व चिकित्सक साबित बिन क़रेह साबी का निधन हुआ। वे सन 221 हिजरी क़मरी में मेसोपोटामिया के हरान नामक क्षेत्र में जन्में थे। चूंकि उनके कबीले के लोग यूनानी भाषा बोलते थे और इस क्षेत्र में सरयानी भाषा बोली जाती थी अत: उन्हें दोनों ही भाषाओं का पूर्ण: ज्ञान था। बाद में उन्होंने अरर्बी भाषा भी सीखी। उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्ति के लिए वे बग़दाद गये। वहॉ वे विख्यात गणितज्ञ मोहम्मद बिन मूसा के निरीक्षण में गणित खगोल शास्त्र आदि क्षेत्रों के ज्ञानी बन गये। उन्होंने गणित से संबंधित कई नये नियम भी बनाए। उन्होंने विख्यात खगोल शास्त्री बतलमयूस की आबज़रवेटरी की मरम्मत भी की। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान खगोल शास्त्र और गणित के क्षेत्र में पुस्तकें लिख और इन विषयों की दूसरी भाषाओं में लिखी गयी कई पुस्तकों का अरबी में अनुवाद किया। इनमें किताबुल मफ़रुज़ात आदि का नाम लिया जा सकता है।
25 रबीउस्सानी वर्ष 368 हिजरी क़मरी को आंदालुसियाई विद्वान, साहित्यकार, इतिहासकार एवं धर्मशास्त्री अबू उमर यूसुफ़ बिन अब्दुल्लाह का जो इब्ने अब्दुल अज़ीज़ के नाम से प्रसिद्ध थे वर्तमान स्पेन स्थित कोर्डोबा में जन्म हुआ. उन्होंने अपने पिता और तत्कालीन वरिष्ठ गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की. शिक्षा और शोधकार्यों में उन्होंने इतनी तेज़ी से प्रगति की कि थोड़े ही समय में आंदालुसिया के वरिष्ठ गुरुओं में गिने जाने लगे. जिस समय वे कोर्डोबा में जीवन व्यतीत कर रहे थे तो वहां सुरक्षा स्थिति अच्छी नहीं थी। इसी कारण इब्ने अब्दुल अज़ीज़, आंदालुसिया के एक दूसरे शिक्षा केंद्र दायना चले गए और वहां लेखन में व्यस्त हो गए। उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब अल-इस्तियाब है कि जो पैग़म्बरे इस्लाम (स) के साथियों के बारे में है।