Apr १७, २०१७ १३:३६ Asia/Kolkata

आपको याद होगा कि पिछले कार्यक्रम में हमने यह बताया कि रामसर कन्वेन्शन में पंजीकृत हुए 24 अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड या तालाबों में 3 तालाब ईरान के सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत में स्थित हैं।

आप गवातर खाड़ी और हूर बाहू के वेटलैंड्ज़ से परिचित हुए। आज के कार्यक्रम में इस प्रांत के हामून वेटलैंड समूह अर्थात हामून पूज़क, हामून साबेरी और हामून हीरमंद के बारे में आपको बताएंगे। ये वेटलैंड रामसर कन्वेन्शन की वेबसाइट पर दो शीर्षक हामून पूज़क और हामून साबिरी के तहत पंजीकृत हुए हैं।

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हामून वेटलैंड या जलमय भूमि समूह दुनिया की सबसे अहम जलमय भूमियों में गिनी जाती है और पूरे ईरानी पठारी क्षेत्र में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील समझी जाती है। यह जलमय भूमि समूह ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच संयुक्त रूप से मौजूद है और इसके तीन भाग है हामून पूज़क, हामून साबेरी और हामून हीरमंद। हामून अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड समूह इन तीनों भाग पर आधारित है। ज़ाबुल ज़िला उत्तर, पश्चिमोत्तर, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम से इस जलमय भूमि या तालाब से घिरा हुआ है। हामून पूजक़ 10000 हेक्टर और हामून साबेरी व हामून हीरमंद मिलकर 50000 हेक्टर क्षेत्रफल पर फैले हुए हैं। समुद्र तल से हामून पूज़क 490 मीटर और हामून साबेरी व हामून हीरमंद 470 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।

हामून तालाब या वेटलैंड समूह की थल क्षेत्र में पाए जाने वाले वेटलैंड में गणना होती है। इस समूह में अस्थायी व स्थाई मीठे पानी की झीलें मौजूद हैं। जब इस तालाब समूह के मुख्य जलस्रोत हीरमंद नदी में पानी इतना बढ़ जाता है कि बाढ़ का रूप धारण कर लेता है तो इन तीनों तालाबों से मिलकर लगभग 400000 हेक्टर क्षेत्रफल पर पानी ही पानी नज़र आता है। 

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हीरमंद नदी और कुछ दूसरी छोटी नदियां ही जिनका उद्गम अफ़ग़ानिस्तान का उत्तरी व केन्द्रीय भाग है, इस वेटलैंड समूह के पानी का मुख्य स्रोत हैं। जब बारिश ज़्यादा होती है तो हामून वेटलैंड समूह में पानी की गहराई 5 मीटर तक पहुंच जाती है। कुल मिलाकर इस क्षेत्र की जलवायु गर्म व शुष्क है। सर्दी के मौसम में तापमान 15 से 20 सेंटी ग्रेड रहता है जबकि गर्मी के मौसम में यह तापमान 35 से 40 सेंटी ग्रेड तक पहुंच जाता है। इस क्षेत्र में सालाना 100 मिलीमीटर से भी कम बारिश होती है। बारिश ज़्यादा तर सर्दी के मौसम में होती है। ये तालाब पूरब और दक्षिण से कम ऊंचाई वाले प्लेन, कृषि भूमि और कुछ गावों से घिरे हुए हैं। इस वेटलैंड समूह के दक्षिण में स्थित प्लेन में व्यापक भूभाग पर साल्ट मार्श अर्थात नमकज़ार, रेत के मैदान और अनेक रेतीले टीले मौजूद हैं।

हामून वेटलैंड का पानी हलका खारा और इसकी तलछट मिट्टी की है। इसमें नरकुल उगते हैं। इसी प्रकार इस वेटलैंड का बहुत बड़ा भाग मैदानी है। जिन वर्षों में इस क्षेत्र में काफ़ी समय तक बाढ़ रहती है पानी के ऊपर तैरने वाली वनस्पतियां उगती हैं।

हामून तालाब समूह बहुत प्रकार के जलचर पक्षियों जैसे पेलिकन, बगुलों, पनडुब्बियों और तट पर रहने वाले पक्षियों के लिए सर्दी के मौसम में शरण स्थल बन जाता है। इसी प्रकार जिन वर्षों में झील के पानी का स्तर ऊंचा होता है, बहुत से पक्षियों के लिए अंडे देने के लिए अनुकूल वातावरण मुहैया हो जाता है। अब तक इस क्षेत्र में 54 प्रकार के पक्षियों को चिन्हित किया जा चुका है कि इनमें से सिर्फ़ दो प्रकार के पक्षी स्थानीय और बाक़ी पलायनकर्ता पक्षी हैं जो शीत या ग्रीष्म ऋतु गुज़ारने के लिए पलायन करते हैं। हामून साबेरी और हामून हीरमंद में लोमड़ी, जंगली सूअर, सियार, लकड़भग्घा, जंगली बिल्ली, भेड़िये, ख़रगोश, गंधबिलाव और गैलापेगस पाए जाते हैं।  इसी प्रकार इस तालाब में विभिन्न प्रकार की मछलियां पायी जाती हैं जो इस प्रकार हैं, अंजक सीस्तान अर्थात सिप्रिनिड, आमूर अर्थात ग्रास कार्प, फ़ीतूफ़ाग अर्थात सिल्वर कार्प, कपूर अर्था कार्प, और सरगुन्दे अर्थात बिग हेड कार्प।

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1928 में ईरान के पर्यावरण संरक्षण विभाग ने हामून साबेरी और हामून हीरमंद के आधे पश्चिमी और इसी प्रकार इनके पश्चिमी छोर के बहुत बड़े मैदानी भाग को जो लगभग 193500 हेक्टर क्षेत्रफल पर फैला है, संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। 1961 में पर्यावरण संरक्षण विभाग ने इसका क्षेत्रफल बढ़ाकर 283000 हेक्टर कर दिया। 1935 में रामसर कन्वेन्शन के अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड की सूचि में हामून साबेरी के कुछ भाग और हामून हीरमंद के उत्तरी भाग पर आधारित 50000 हेक्टर क्षेत्रफल पंजीकृत हुआ। इस तालाब को अंतर्राष्ट्रीय बर्ड सैन्क्चूअरी संस्था ने पक्षियों के लिए बहुत अहम हैबिटैट अर्थात उत्पत्तिस्थान माना है।

हामून वेटलैंड समूह क्षेत्र के निवासियों के लिए आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से भी बहुत अहम है। वेटलैंड में उगने वाले नर्कुल को पशुओं के चारे, ईंधन और नाव बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसी प्रकार इस क्षेत्र में उगने वाली रीगमेस नामक घास से बुने हुए पर्दे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हैं। इसी प्रकार मछली और पक्षियों का शिकार ही हामून साबेरी और हामून हीरमंद के दूसरे आर्थिक लाभ हैं।   

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हामून तालाब समूह सीस्तानो बलोचिस्तान के सबसे अहम प्राकृतिक इकोसिस्टम व पर्यटन आकर्षण में गिने जाते हैं। यह दुर्लभ व सुंदर वेटलैंड वसंत के मौसम में जब हामून झील पानी से भरी होती है, घास और नरकुल से भरे होने के कारण बहुत ही सुदंर दृष्य पेश करता है। यह तालाब या वेटलैंड बहुत से विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके पशुओं व वनस्पतियों का शरणस्थल, विशाल मरुस्थलीय क्षेत्र में फूड चेन को बचाने वाला और विभिन्न प्रकार के पक्षियों के अंडे देने व जीवन यापन के लिए बहुत ही सुरक्षित स्थल है। यह सुदंर इकोसिस्टम वाला तालाब हर साल बड़ी संख्या में पलायनकर्ता पक्षियों को अपने यहां शरण देता है।  

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हामून झील के बीच में अश्कानी शासन काल की वास्तुकला का अवशेष द्वीप के रूप में दिखाई देता है। इस अवशेष का नाम कूह ख़्वाजा है। अपने अद्वितीय ऐतिहासिक आर्कर्षण से संपन्न इस अवशेष ने इस वेटलैंड के आकर्षण में चार चांद लगा दिए हैं।  इसी प्रकार ईरान की प्राचीन सभ्यताओं में से एक सभ्यता इसी तालाब के किनारे फली फूली कि जिसका प्रतीक शहरे सूख़्ते है। शहरे सूख्ते का इतिहास 3500 साल पुराना है और यह इसी क्षेत्र में स्थित है।

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हामून तालाब समूह को ईरान के पठारी क्षेत्र की सबसे बड़े मीठे पानी का स्रोत समझा जाता है और शरणार्थी पक्षियों के लिए अद्वितीय निवास स्थल सहित अपनी विशेष इकोलोजी के कारण दुनिया में सातवें अंतर्राष्ट्रीय तालाब के रूप में स्थान हासिल है।  हामून झील में जब पानी भरा होता है तो पर्यटक और क्षेत्र के इसमें मछली पकड़ने और शिकार का आनंद उठाते हैं। इस क्षेत्र तक पहुंच बहुत आसान है और साल के किसी भी समय यहां जाया जा सकता है।

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