तेहरान-10
तेहरान के विभिन्न प्रसिद्ध स्थलों में से कुछ ऐतिहासिक स्थल हैं।
तेहरान के विभिन्न प्रसिद्ध स्थलों में से कुछ ऐतिहासिक स्थल हैं। कुछ स्थल हालांकि ऐतिहासिक एवं प्राचीन नहीं हैं, लेकिन किसी विशेष विशिष्टता के कारण प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक स्थल मैदाने आज़ादी है। इस चौक के डिज़ाइन और उसके बीच बने टॉवर के निर्माण में काफ़ी दक्षता से काम लिया गया है और यह ईरानी एवं इस्लामी वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है।
मैदाने आज़ादी का कुल क्षेत्रफल 50,000 वर्ग मीटर है, जो इस्फ़हान के नक़्शे जहान मैदान के बाद ईरान का दूसरा सबसे बड़ा मैदान या चौक है। यह मैदान तेहरान के मुख्य पश्चिमी प्रवेश मार्ग के चौराहे पर स्थित है। यह अंडाकार रूपी है और इसके केन्द्र में आज़ादी टॉवर है। आज़ादी टॉवर तेहारन का एक प्रसिद्ध प्रतीक है, इसकी ऊंचाई 45 मीटर है।
चौक में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे, सुन्दर चमन एवं चार टीले स्थित हैं। चौक के अंदर और उसके चारो ओर साफ़ पानी की नालिया हैं, टॉवर के पश्चिमी कोने में एक बड़ा हौज़ है और चारो ओर पेड़ लगाए गए हैं, जो ईरान के उद्यान निर्माण और उसमें पानी की भूमिका को नज़र में रखकर डिज़ाइन किया और बनाया गया है।
चौक के फ़ुटपाथ इस प्रकार से डिज़ाइन किए गए हैं कि दूर से देखने पर वह मधुमक्खी के छत्ते की भांति लगते हैं। चौक की सतह आज़ादी टॉवर के पूर्वी कोने में अंडर पास की योजना के दृष्टिगत चारो ओर की सड़कों तक पहुंचती है। यह ईरान की पारम्परिक वास्तुकला का नमूना है, जिसमें टेढ़ी दीवारें, छत और ताक़ ईरानी बाज़ार का दृश्य प्रस्तुत करते हैं, यहां प्रदर्शनियों का आयोजन होता है और एड्वर्टाइज़ के बोर्ड लगाए जाते हैं। यह जानना उचित होगा कि इस चौक से ईरानी जनता की एक बड़ी याद जुड़ी हुई है। 12 बहमन 1357 हिजरी शम्सी को ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी के स्वागत में यहां एक विशाल आयोजन हुआ था।
क्रांति की सफलता के बाद प्रतिवर्ष इस चौक में क्रांति की सफलता की वर्षगांठ के समारोह और रैली का आयोजन किया जाता है, इस समारोह में लाखों लोग भाग लेकर इस्लामी क्रांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का एलान करते हैं। प्रतिवर्ष इस चौक में ईरानी सेना की परेड भी एक उल्लेखनीय आयोजन है।
विशाल आज़ादी टॉवर समृद्ध ईरानी वास्तुकला का एक नमूना है, यह ईरानी वास्तुकारों की दक्षता को दर्शाता है। आज इसे एक सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस टॉवर का इतिहास 1966 से शुरू होता है। 1966 में ईरानी वास्तुकारों के बीच एक ईरानी प्रतीक के डिज़ाइन के चयन के लिए प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया, इस प्रतिस्पर्धा में इंजीनियरिंग के छात्र 24 वर्षीय हुसैन अमानत के डिज़ाइन का चयन किया गया। इस टॉवर का निर्माण कार्य 1969 में शुरू हुआ और 28 महीने के बाद 1971 में यह बनकर तैयार हुआ।
आज़ादी टॉवर हखामनेशी काल और सासानी काल के साथ इस्लामी वास्तुकला और आधुनिक वास्तुकला का नमूना है। इस इमारत का डिज़ाइन बेजोड़ है। इसमें विभिन्न रूपों के 25 हज़ार पत्थर जटिल रूप से और मेहराबी रूप में प्रयोग किए गए हैं। बड़े बड़े पत्थरों की विशेष रूप से कटिंग की गई है, इनमें से कुछ पत्थर 6 मीटर लम्बे और 40 सेंटीमीटर चौड़े हैं। इमारत का असली ढांचा कंक्रीट का बना हुआ है, जिसे इस्फ़हान की जोश्क़ान खान के सफ़ैद पत्थरों से ढांपा गया है।
पत्थरों की खुदाई से लेकर चुनाई में उनके प्रयोग का काम दक्ष लोगों ने अंजाम दिया है। टॉवर के प्रमुख प्रवेश द्वार हमदान के ग्रेनाइट पत्थरों से बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 7 टन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसी प्रकार, फ़र्श में प्रयोग किए गए पत्थर पश्चिमी ईरान में कुर्दिस्तान की खानों से निकाले गए हैं। इमारत के असली स्तंभ आयताकार रूप में 62 बाई 62 मीटर के आकार में बनाए गए हैं, जो बहुत ही महारत के सीथ पेच खाते हैं, जिससे स्तंभों ने मेहराबी रूप ले लिया है।
ज़मीन के अंदर इमारत का कुछ भाग होने के कारण, इस टॉवर की कुल ऊंचाई 63 मीटर है लेकिन मेहराबाद एयरपोर्ट के निकट होने के कारण, ज़मीन की सतह से इसकी ऊंचाई 45 मीटर है। टॉवर के पश्चिमी और पूर्वी कोण का दृश्य, ताक़ कसरा की भांति बड़ा ताक़ अर्थात आर्क और सासानी वक्र रूपी मेहराब है, जो प्राचीन ईरानी वास्तुकला का दृश्य प्रस्तुत करती है। इस मेहराब के ऊपर के भाग को मोर के पर के डिज़ाइन और टाइलों से सजाया गया है, जो एक ज्यामितीय शैली में एक प्राचीन आर्क पर समाप्त होता है। यह डिज़ाइन और उत्तरी एवं दक्षिणी कोण इस्लामी वास्तुकला की याद दिलाते हैं। दो आर्कों के बीच का डिज़ाइन इस्फ़हान की लुत्फ़ुल्लाह मस्जिद से प्रभावित है। यह तीन मंज़िला इमारत है, जिसमें चार एलीवेटर और दो ज़ीने हैं। टॉवर के निचले कक्ष में प्रदर्शनी हाल, गैलरी, पुस्तकालय और संग्राहलय हैं। टॉवर के चारो ओर नीले रंग से सजी हुई खिड़कियां बनी हई हैं, जो इसकी सुन्दरता में चार चांद लगा देती हैं।
टॉवर के भीतरी भाग में भी छत और दीवारों पर सुन्दर डिज़ाइन बने हुए हैं, जिसमें पारम्परिक और आधुनिक डिज़ाइनों का प्रयोग किया गया है।
तीसरी मंज़िल पर जो वास्तव में टॉवर की छत है, तेहरान का नज़ारा देखने के लिए दरीचे और खिड़कियां बनी हुई हैं। इस की एक अन्य विशिष्टता जो ईरानी कला को दर्शाती है, टाइलों से सजा हुआ इसका गुंबद है।
आज़ादी सांस्कृतिक कॉम्पलैक्स में, जो टॉवर की निचली सतह पर स्थित है, संग्राहलय, पुस्तकालय, ड्रामा हॉल, स्टूडियो, गैलरी, कांफ़्रेंस हॉल और कंसर्ट हॉल स्थित हैं। संग्राहलय को दो भागों में बांटा गया है, संग्राहलय में रखी हुई वस्तुएं इतिहास और संस्कृति के दृष्टिगत बहुत महत्वपूर्ण हैं, जो इतिहास, संस्कृति और ईरानी लोगों की कला को दर्शाती हैं।
संग्राहलय के पहले भाग में जिसे पूर्वजों की गैलरी कहा जाता है, एक गैलरी बनी हुई है, जिसकी दीवारों पर बड़े बड़े चार शोकेस बने हुए हैं। इस भाग में एक सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व से संबंधित प्राचीन क़ीमती वस्तुएं रखी हुई हैं। दूसरा भाग जिसे पुराना हाल कहते हैं, एक बड़ा हाल है। इस हाल के विभिन्न शोकेसों में प्राचीन एवं क़ीमती ईरानी वस्तुएं रखी हुई हैं।
इस संग्राहलय की सबसे पुरानी वस्तु छटी सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व से संबंधित है और सबसे नई वस्तु क़ाजार काल से संबंधित है।
संग्राहलय के बाद, एक बड़ा हाल है। इस हाल के दोनो ओर 12 कमरे बने हुए हैं, जिनमें हालिया वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में ईरान की प्रगति को रंगीन तस्वीरों द्वारा प्रदर्शित किया गया हैं। इन तस्वीरों में सांस्कृतिक प्रगति, जंगलात, फ़ार्स खाड़ी की विशिष्टताएं, औद्योगिक विकास, पर्यावरण की रक्षा, शिक्षा, नागरिक विकास, प्रतिरक्षा और शहीदों की क़ुर्बानियां, खेल का विकास, कृर्षि विकास और अनेक अन्य विषयों प्रस्तुत किया गया है।
ईरान के बारे में जानकारी प्रदान करने वाला हाल, 29 बाई 21 मीटर क्षेत्रफल में अंडाकार रूप में बना हुआ है, जो दर्शकों को ईरान के विभिन्न चरणों के मॉडलों से परिचित कराता है और लोग भौगोलिक स्थिति के अनुसार, मॉडल के हर स्थान की विशेषताओं से परिचित होते हैं। इस मॉडल में ईरान के विभिन्न प्रांतों से संबंधित हस्तशिल्प, वस्त्र, कृर्षि उत्पाद, ऐतिहासिक केन्द्र, उद्योग, अर्थव्यवस्था और जलवायु के मॉड्यूल प्रस्तुत किए गए हैं।
स्वागत कक्ष, 17 बाई 9 मीटर में अंडाकार रूपी कक्ष है, जो आधिकारिक मेहमानों के स्वागत के लिए बनाया गया है। इसकी वास्तुकला की विशिष्टता सुन्दर चित्र और डिज़ाइन हैं जो दीवारों और छत पर बने हुए हैं।
इस कॉम्पलैक्स की एक अन्य विशिष्टता इसका विशेष पुस्तकालय है। यह पुस्कालय ईरान के बारे में जानकारी के विस्तार और ईरानी एवं विदेशी छात्रों एवं शोधकर्ताओं की सहायता के लिए बनाया गया है, जिसका क्षेत्रफल 212 वर्ग मीटर है औऱ इसमें 15 हज़ार पुस्तकें मौजूद हैं। यहां रखी हुई किताबें, फ़ार्सी, अंग्रेज़ी, फ़्रैंच और जर्मन भाषाओं में हैं। यहां इस बिंदु का उल्लेख ज़रूरी है कि आज़ादी काम्पलैक्स में उपलब्ध सुविधाएं, उसकी सुन्दरता और आकर्षण के अलावा, देखने वाले की जानकारी में भी वृद्धि हैं।