क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-639
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-639
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ تَبَارَكَ الَّذِي نَزَّلَ الْفُرْقَانَ عَلَى عَبْدِهِ لِيَكُونَ لِلْعَالَمِينَ نَذِيرًا (1)
ईश्वर के नाम से जो अत्यंत क्षमाशील और दयावान है। विभूतिपूर्ण है वह (ईश्वर) जिसने यह फ़ुरक़ान अपने बन्दे (मुहम्मद) पर उतारा, ताकि वे सारे संसार के लिए सचेत करने वाले रहें। (25:1)
الَّذِي لَهُ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَلَمْ يَتَّخِذْ وَلَدًا وَلَمْ يَكُنْ لَهُ شَرِيكٌ فِي الْمُلْكِ وَخَلَقَ كُلَّ شَيْءٍ فَقَدَّرَهُ تَقْدِيرًا (2)
वह वही है जिसका साम्राज्य आकाशों और धरती पर है और उसने न तो किसी को अपना बेटा बनाया और न साम्राज्य में उसका कोई समकक्ष है। उसने हर चीज़ को पैदा किया फिर उसे ठीक अन्दाज़े पर रखा। (25:2)
وَاتَّخَذُوا مِنْ دُونِهِ آَلِهَةً لَا يَخْلُقُونَ شَيْئًا وَهُمْ يُخْلَقُونَ وَلَا يَمْلِكُونَ لِأَنْفُسِهِمْ ضَرًّا وَلَا نَفْعًا وَلَا يَمْلِكُونَ مَوْتًا وَلَا حَيَاةً وَلَا نُشُورًا (3)
और (अनेकेश्वरवादियों ने) उसके स्थान पर ऐसे पूज्य बना लिए जो किसी चीज़ की सृष्टि नहीं करते और वे स्वयं ही (उसकी) रचनाएं हैं। उन्हें न तो अपनी हानि का अधिकार प्राप्त है और न लाभ का। और न उन्हें मृत्यु का अधिकार प्राप्त है और न जीवन का और न ही दोबारा जीवित होकर उठाए जाने का। (25:3)