क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-641
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-641
تَبَارَكَ الَّذِي إِنْ شَاءَ جَعَلَ لَكَ خَيْرًا مِنْ ذَلِكَ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ وَيَجْعَلْ لَكَ قُصُورًا (10
विभूतिपूर्ण है वह (ईश्वर) जो यदि चाहे तो तुम्हें उससे भी उत्तम (चीज़ें) प्रदान करे (जिनकी उन्हें अपेक्षा है,) ऐसे बाग़ जिनके नीचे नहरें बह रही हों और तुम्हारे लिए अनेक महल तैयार कर दे। (25:10)
بَلْ كَذَّبُوا بِالسَّاعَةِ وَأَعْتَدْنَا لِمَنْ كَذَّبَ بِالسَّاعَةِ سَعِيرًا (11) إِذَا رَأَتْهُمْ مِنْ مَكَانٍ بَعِيدٍ سَمِعُوا لَهَا تَغَيُّظًا وَزَفِيرًا (12)
(हे पैग़म्बर! वे लोग न केवल आपको स्वीकार नहीं करते) बल्कि वे तो प्रलय को भी झुठला चुके हैं और जो प्रलय को झुठला दे हमने उसके लिए दहकती आग तैयार कर रखी है। (25:11) जब (नरक की) आग उन्हें दूर से देखेगी तो वे उसके बिफरने और चिंघाड़ने की आवाज़ सुनेंगे। (25:12)
وَإِذَا أُلْقُوا مِنْهَا مَكَانًا ضَيِّقًا مُقَرَّنِينَ دَعَوْا هُنَالِكَ ثُبُورًا (13) لَا تَدْعُوا الْيَوْمَ ثُبُورًا وَاحِدًا وَادْعُوا ثُبُورًا كَثِيرًا (14)
और जब वे नरक की किसी संकीर्ण जगह (ज़ंजीरों में) जकड़े हुए डाले जाएँगे तो वहाँ वे चिल्लाने लगेंगे (और मृत्यु की कामना करेंगे)। (25:13) (उनसे कहा जाएगा) आज एक बार मरने की प्रार्थना न करो बल्कि इसके लिए बहुत अधिक गिड़गिड़ाओ। (25:14)
قُلْ أَذَلِكَ خَيْرٌ أَمْ جَنَّةُ الْخُلْدِ الَّتِي وُعِدَ الْمُتَّقُونَ كَانَتْ لَهُمْ جَزَاءً وَمَصِيرًا (15) لَهُمْ فِيهَا مَا يَشَاءُونَ خَالِدِينَ كَانَ عَلَى رَبِّكَ وَعْدًا مَسْئُولًا (16)
(हे पैग़म्बर! लोगों से) कह दीजिए कि क्या यह (पीड़ादायक नरक) अच्छा है या सदैव रहने वाला स्वर्ग जिसका ईश्वर से डर रखने वालों को वचन दिया गया है? यह उनका प्रतिफल और गंतव्य होगा। (25:15) उनके लिए उसमें वह सब कुछ होगा जो वे चाहेंगे। उसमें वे सदैव रहेंगे। यह (प्रतिफल) तुम्हारे पालनहार का एक अटल वादा है जो उसने अपने ज़िम्मे लिया है। (25:16)