May ०९, २०१८ १२:५३ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-653

وَالَّذِينَ يَبِيتُونَ لِرَبِّهِمْ سُجَّدًا وَقِيَامًا (64) وَالَّذِينَ يَقُولُونَ رَبَّنَا اصْرِفْ عَنَّا عَذَابَ جَهَنَّمَ إِنَّ عَذَابَهَا كَانَ غَرَامًا (65) إِنَّهَا سَاءَتْ مُسْتَقَرًّا وَمُقَامًا (66)

 

और जो अपने पालनहार के आगे सजदा करके और खड़े रह कर रातें गुज़ारते हैं (25:64) और जो कहते हैं कि हे हमारे पालनहार! नरक के दंड को हमसे टाल दे कि निश्चय ही उसका दंड कड़ा और सदैव रहने वाला है। (25:65) निःसंदेह नरक अत्यंत बुरा ठिकाना और गंतव्य है। (25:66)

 

 

وَالَّذِينَ إِذَا أَنْفَقُوا لَمْ يُسْرِفُوا وَلَمْ يَقْتُرُوا وَكَانَ بَيْنَ ذَلِكَ قَوَامًا (67)

 

 

और (ईश्वर के अच्छे बंदे वही हैं) जो जब ख़र्च करते हैं तो न अपव्यय करते हैं और न ही कड़ाई से काम लेते हैं बल्कि वे इनके बीच मध्यमार्ग अपनाते हैं। (25:67)

 

 

وَالَّذِينَ لَا يَدْعُونَ مَعَ اللَّهِ إِلَهًا آَخَرَ وَلَا يَقْتُلُونَ النَّفْسَ الَّتِي حَرَّمَ اللَّهُ إِلَّا بِالْحَقِّ وَلَا يَزْنُونَ وَمَنْ يَفْعَلْ ذَلِكَ يَلْقَ أَثَامًا (68) يُضَاعَفْ لَهُ الْعَذَابُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ وَيَخْلُدْ فِيهِ مُهَانًا (69)

 

और जो ईश्वर के साथ किसी दूसरे पूज्य को नहीं पुकारते और न किसी मनुष्य की, जिस (की हत्या) को ईश्वर ने वर्जित किया है, हक़ के बिना हत्या करते हैं, और न वे व्यभिचार करते है और जो कोई ऐसा करे तो वह कड़े दंड में ग्रस्त होगा। (25:68) प्रलय के दिन उसका दंड दुगना हो जाएगा और वह सदैव अपमानित होकर उसमें पड़ा रहेगा। (25:69)