क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-654
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-654
إِلَّا مَنْ تَابَ وَآَمَنَ وَعَمِلَ عَمَلًا صَالِحًا فَأُولَئِكَ يُبَدِّلُ اللَّهُ سَيِّئَاتِهِمْ حَسَنَاتٍ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَحِيمًا (70) وَمَنْ تَابَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَإِنَّهُ يَتُوبُ إِلَى اللَّهِ مَتَابًا (71)
सिवाए उसके जो पलट आए और ईमान लाए और अच्छे कर्म करे तो ऐसे लोगों की बुराइयों को ईश्वर भलाइयों से बदल देगा और ईश्वर तो है ही अत्यन्त क्षमाशील और दयावान। (25:70) और जिसने तौबा की और अच्छे कर्म किए तो निश्चय ही वह ईश्वर की ओर पलटता है, जैसा कि पलटने का हक़ है। (25:71)
وَالَّذِينَ لَا يَشْهَدُونَ الزُّورَ وَإِذَا مَرُّوا بِاللَّغْوِ مَرُّوا كِرَامًا (72)
और ये वे लोग हैं जो झूठ के गवाह नहीं बनते (और असत्य कार्यों में सम्मिलित नहीं होते) और जब किसी व्यर्थ काम के पास से गुज़रते है, तो प्रतिष्ठापूर्वक गुज़र जाते हैं। (25:72)
وَالَّذِينَ إِذَا ذُكِّرُوا بِآَيَاتِ رَبِّهِمْ لَمْ يَخِرُّوا عَلَيْهَا صُمًّا وَعُمْيَانًا (73)
और जो ऐसे हैं कि जब उनके पालनहार की आयतों के द्वारा उन्हें उपदेश दिया जाता है तो वे उन (आयतों) पर अंधे और बहरे होकर नहीं गिरते (अर्थात आंख और कान बंद करके उन्हें नहीं देखते)। (25:73)